क्या है चारधाम यात्रा का महत्व ? क्यों जीवन में एक बार जरुर करनी चाहिए यात्रा

हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग मानते हैं कि जीवन में कभी-न-कभी चारधाम की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। चारधामों में पवित्र आत्माओं का निवास माना जाता है और यहां जाकर भक्तों को आलौकिक अनुभव प्राप्त होते हैं। आइए अब जानते हैं कि चारधाम यात्रा के मुख्य कारण क्या हैं।

 

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देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड के पवित्र चारधामों गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा पर हर साल देश विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए यह यात्रा बड़ा महत्व रखती है। आज हम आपको बताएंगे कि चारधाम की यात्रा के पीछे के मुख्य कारण क्या हैं और इस यात्रा का क्या महत्व है।

हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग मानते हैं कि जीवन में कभी-न-कभी चारधाम की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। चारधामों में पवित्र आत्माओं का निवास माना जाता है और यहां जाकर भक्तों को आलौकिक अनुभव प्राप्त होते हैं। आइए अब जानते हैं कि चारधाम यात्रा के मुख्य कारण क्या हैं।

जन्म-मृत्यु के चक्र से मिलती है मुक्ति

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कोई व्यक्ति अगर अपने जीवनकाल में चारधाम की यात्रा कर ले तो उसे जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। माना जाता है कि केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के बाद जो भक्त जल ग्रहण करता है वो पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त हो जाता है। वहीं बद्रीनाथ धाम को लेकर कहा जाता है कि यहां आने वाला व्यक्ति दोबारा गर्भ में नहीं आता, यानि उसे मुक्ति की प्राप्ति हो जाती है।

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पाप मुक्ति के लिए चारधाम यात्रा

चारधाम की यात्रा करने से व्यक्ति पाप मुक्त हो जाता है। उसने जाने अनजाने में जो गलत कार्य किये होते हैं उनसे मुक्ति मिल जाती है। हालांकि इस बात का ख्याल रखना भी जरूरी है कि एक बार चारधाम की यात्रा करने के बाद आप पुण्य कर्म करें और अपनी गलतियों को न दोहराएं।

आयु वृद्धि के लिए चारधाम यात्रा

चारधाम यात्रा करने से आपकी सेहत दुरुस्त रहती है और आपकी आयु में भी वृद्धि होती है। चारधाम की यात्रा अतिदुर्गम है लेकिन साथ ही यहां का वातावरण शुद्धता से भरा हुआ है, वातावरण की शुद्धता आपके तन और मन को भी शुद्ध करती है, जिससे आपका स्वास्थ्य बेहतर होता है और आपकी उम्र बढ़ती है।

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आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति

हिंदू धर्म में व्यक्ति का अध्यात्मिक उत्थान अति आवश्यक है। अध्यात्म का अर्थ है परमतत्व से आपका जुड़ाव, ये जुड़ाव तभी संभव है जब आपको सत्य का ज्ञान हो गया हो और चारधाम की यात्रा करने से आपको इसी ज्ञान की प्राप्ति होती है। आप जीवन के अर्थ को समझ पाते हैं और ईश्वर के प्रति जुड़ाव महसूस करते हैं।

धार्मिक संस्कृति के दर्शन

चारधाम की यात्रा करने से आपको अपनी संस्कृति के दर्शन भी होते हैं। इस यात्रा में देश-विदेश से कई श्रद्धालु आते हैं और उनके पहनावे, व्यवहार, आस्थाओं को आप जान पाते हैं और खुद को समाज के निकट पाते हैं। अपनी संस्कृति के करीब से दर्शन करके आपको व्यवहार में कई अच्छे बदलाव देखने को मिल सकते हैं, ये बदलाव आपके जीवन में भी अच्छा परिवर्तन लेकर आते हैं।

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प्रकृति से जुड़ाव

चारधाम की यात्रा में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और ब्रद्रीनाथ के दर्शन तो आप करते ही हैं लेकिन साथ ही प्रकृति के विभिन्न रंगों को देखने का भी आपको मौका मिलता है। आप खुद को प्रकृति के नजदीक पाते हैं और यह जुड़ाव आपके विचारों को तराशता है।

नोट- इस वीडियो में दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। उत्तराखंड पोस्ट इसकी सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।

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