जन्माष्टमी पर बना द्वापर युग जैसा अद्भुत संयोग, न करें ये गलतियां
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हर्षण योग और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस दिन को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी या श्रीकृष्ण जयंती के रुप में मनाते हैं। इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महापर्व आज 30 अगस्त दिन सोमवार को है। ऐसे में पूरे देश में बाल गोपाल भगवान श्रीकृष्ण की आराधना की जाएगी और व्रत रखते हुए लोग मंदिरों तथा घरों में भजन व कीर्तन करेंगे।
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हर्षण योग और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस दिन को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी या श्रीकृष्ण जयंती के रुप में मनाते हैं। इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महापर्व आज 30 अगस्त दिन सोमवार को है। ऐसे में पूरे देश में बाल गोपाल भगवान श्रीकृष्ण की आराधना की जाएगी और व्रत रखते हुए लोग मंदिरों तथा घरों में भजन व कीर्तन करेंगे।
इस साल की जन्माष्टमी तो कई मायनों में बहुत खास हैं। इस साल जन्माष्टमी पर ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है, जो द्वापर युग में श्रीकृष्ण के जन्म के दिन बना था। आज 30 अगस्त को भी श्रीकृष्ण के जन्म के दिन की तरह रोहिणी नक्षत्र भी रहेगा और आधी रात को वृष राशि का चंद्रमा भी रहेगा। इसके अलावा आज सोमवार भी है, सोमवार और बुधवार के दिन जन्माष्टमी का पड़ना बहुत शुभ माना जाता है।
ऐसे में इस जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण की ज्यादा से ज्यादा आराधना करना बेहद शुभ फलदायी साबित होगा। इसके अलावा उन चीजों से भी बचना जरूरी है, जो भगवान श्रीकृष्ण को नापसंद हैं।
जन्माष्टमी पर न करें ये गलतियां
- जन्माष्टमी का व्रत रख रहे व्रतियों को रात के 12 बजे से पहले व्रत नहीं खोलना चाहिए, वरना व्रत का फल नहीं मिलेगा। व्रत कृष्ण जन्म के बाद उनकी पूजा करके उन्हें भोग लगाने के बाद ही खोलें।
- जो लोग जन्माष्टमी का व्रत नहीं रख रहे हैं, वह भी आज के दिन ना तो तुलसी के पत्ते तोड़ें और ना ही तामसिक भोजन करें। आज चावल, जौ, प्याज-लहसुन भी न खाएं।
- वैसे तो गाय को कभी भी कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए लेकिन आज के दिन गाय को परेशान करना जिंदगी में बड़ी मुश्किलें ला सकता है क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण को गाय बहुत प्रिय हैं।
- जन्माष्टमी के दिन पेड़ न काटें क्योंकि कान्हा को पेड़ बहुत पसंद हैं।
- आज के दिन किसी का अपमान न करें। भगवान श्रीकृष्ण अपने गरीब मित्र सुदामा से बहुत प्रेम करते थे, उनकी नजर में गरीब-अमीर सबका समान स्थान था।