उत्तराखंड | बीजेपी ने दिया हरीश रावत को जवाब, क्या राजनीति से संन्यास लेंगे हरदा ?
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर पलटवार करते हुए कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने हरीश रावत को चुनौती दी कि वह संन्यास लेने की तैयारी कर लें, क्योंकि प्रदेश सरकार में पौने पांच साल में 11056 लोगों को नौकरी दी जा चुकी है।
उनियाल ने साथ ही दावा किया कि प्रदेश 8527 पदों पर चयन की प्रक्रिया चल रही है, जबकि 4097 पदों के लिए विज्ञापन जारी होना है। कुल मिलाकर 23680 पदों में से या तो चयन हो चुके हैं या भर्ती प्रक्रिया चल रही है। उनियाल ने कहा कि हरीश रावत स्थान और समय बताएं, वह 3200 भर्तियों की सूची लेकर आ रहे हैं ताकि वे संन्यास ले सकें।
उनियाल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने हाल बयान दिया था कि भाजपा सरकार में 3200 नौकरियां भी दी गई होंगी तो वह राजनीति से संन्यास ले लें। शासकीय प्रवक्ता ने कहा कि अब उन्हें संन्यास लेने की तैयारी कर लेनी चाहिए। उन्होंने रावत पर लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया। कहा कि बढ़ती उम्र में उनकी याददाश्त कमजोर पड़ने लगी है। उनियाल ने कहा कि सभी बेरोजगारों को सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती है, इसलिए सरकार का रोजगार आधारित योजनाओं पर फोकस है।
उनियाल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बताएं कि उनके कार्यकाल में कितने लोगों को रोजगार दिया गया। उन्होंने तंज किया कि हरीश रावत के कार्यकाल में शराब और खनन माफिया को रोजगार मिला। दिल्ली और नोएडा के ठेकेदारों को यहां काम देकर राज्य के लोगों का हक मारा गया।
उनियाल ने दावा किया कि पौने पांच साल में प्रदेश सरकार ने विभिन्न विभागों में 11056 नियुक्तियां कीं। इनमें 3412 पदों पर उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग और 7644 पदों पर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयन किया गया। उन्होंने बताया कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 7089 पदों पर चयन की प्रक्रिया गतिमान है। 2622 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी होनी है। वहीं लोकसेवा आयोग में 1438 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। आयोग में सीधी भर्ती के 1455 पदों पर विज्ञापन का प्रकाशन होना है।
आपको बता दें कि हरीश रावत ने रोजगार के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा था कि राज्य में बीजेपी सरकार रोजगार के मोर्चे पर फेल रही और अगर भाजपा जो लाखों नौकरियां दिए जाने का दावा कर रही हैं, उनमें से 3200 लोगों की लिस्ट भी दिखा दें तो वे संन्यास ले लेंगे। अब देखना ये होगा कि हरीश रावत इस मामले में सुबोध उनियाल पर कैसे पलटवार करते हैं।