उत्तराखंड | आ गया हरीश रावत का जवाब, रावण से की कैबिनेट मंत्री की तुलना

हरीश रावत ने कहा कि एक रामलीला में रावण का पात्र कहता फिरता था "राम नाम जपना, दूसरों का माल अपना"। हमारे कुछ आदरणीय मंत्रीगण रावण के कथानक पर आचरण कर रहे हैं, यह इनका जीवन दर्शन है।
 

 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) 24 घंटे बाद ही सही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रोजगार पर मचे संग्राम पर धामी सरकार पर पलटवार किया है। हरीश रावत ने तंज कसते हुए शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल की तुलना रावण से कर दी।

हरीश रावत ने कहा कि एक रामलीला में रावण का पात्र कहता फिरता था "राम नाम जपना, दूसरों का माल अपना"। हमारे कुछ आदरणीय मंत्रीगण रावण के कथानक पर आचरण कर रहे हैं, यह इनका जीवन दर्शन है।

पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में जिन पदों के सृजन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई, पद सृजित हुए, अधियाचन जारी हुए और कई पदों में परीक्षाएं भी हुई, उन सबको अपने आंकड़ों में सम्मिलित करवाकर कुछ भाजपाई बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं।

हरदा ने कहा- मैं, भाजपाइयों से कहना चाहूंगा कि उनके एक मुख्यमंत्री जी ने 7 लाख नौकरियां दे दी हैं इसकी घोषणा की और भाजपा के माननीय प्रदेश अध्यक्ष जी ने साढे़ 7 लाख का आंकड़ा बताया, इनके दूसरे माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बस 24 हजार नियुक्तियां हो रही हैं और तब से वो नियुक्तियां होने में ही हैं, अब इनके आदरणीय मंत्रीगण विरोधाभासी बयान दे रहे हैं।

हरीश रावत ने कहा कि भाजपा पहले अपने आंकड़े दुरुस्त कर ले और उसके बाद मुझे चुनौती दे। भाजपा के माननीय मंत्रीगणों को यह समझना चाहिए कि वो उत्तराखंड के नौजवानों के गुनाहगार हैं, पद रिक्त होने के बावजूद भी उन पदों को न भरने के अभियुक्त हैं और इन्हें ध्यान रखना चाहिए कि मेरे लिए भगवा वस्त्र और कमंडल लेकर चलने के चक्कर में कहीं खुद ही बण्डल न हो जाओ।

आपको बता दें कि हरीश रावत ने बीजेपी सरकार के रोजगार के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर सरकार सिर्फ 3200 लोगों की लिस्ट बता दे, जिन्हें उन्होंने रोजगार दिया है तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा, जिस पर शासकीय प्रवक्ता ने एक दिन पहले हरदा को सरकारी नौकरियों की लिस्ट गिनाते हुए कहा था कि अब हरदा संन्यास लेने की तैयारी कर लें। अब जबकि हरीश रावत ने सुबोध उनियाल पर पलटवार करते हुए आंकड़ों पर विरोधाभासी बयान देने का आरोप लगाते हुए उनकी तुलना रावण से कि है तो देखना होगा कि सरकार की तरफ से इसका क्या जवाब मिलता है।