…तो क्या लाल बत्ती से ही बढ़ेगा कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल ?
राज्यसभा टिकट से चूक हए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की नाराजगी को दूर करना हरीश रावत के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। (पढ़ें-भ्रष्टाचार के मामलों पर किशोर ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल !)
उपेक्षा ना करे सरकार | किशोर उपाध्याय पहले ही सरकार पर पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगा चुके हैं। दो दिन पहले लाल बत्ती बंटवारे को लेकर नाराजगी जताने वाले किशोर उपाध्याय का कहना है कि सरकार अगर लाल बत्ती बांटते समय पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा ना करे। उपाध्याय की दलील है कि कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का पार्टी को दूरगामी परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
6 जून को जिलाध्यक्षों की बैठक | प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्यया ने छह जून को सभी जिलाध्यक्षों को देहरादून बुलाया है। जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के साथ ही लाल बत्ती के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। उपाध्याय का कहना है कि यदि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा का पूरी तरह सफाया करना है तो पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना ही होगा।
अब नहीं होगी गलती | हालांकि हरीश रावत एक दिन पहले ही कह चुके हैं कि आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में कोई गलती नहीं की जाएगी। रावत ने ये भी कहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रिय असंतुलन को दूर किया जाएगा। (पढ़ें-मंत्रिमंडल विस्तार में गढ़वाल के विधायकों की होगी बल्ले-बल्ले)