भरा गया 3700 किलो बारुद, 9 सेकेंड में जमींदोज होंगी 62 मंजिल, ऐसे होगा पूरा ऑपरेशन

कुतुब मीनार से भी ऊंचे नोएडा में सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर 28 अगस्त को ध्वस्त की जाने वाली भारत की सबसे ऊंची इमारतें बन जाएंगी। 32 और 30 मंजिल की दोनों इमारतें 9 सेकेंड में  ताश के पत्तों से बने घर की तरह ढह जाएंगी।

 
 

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नोएडा (उत्तराखंड पोस्ट) 28 अगस्त 2022 को दोपहर ढ़ाई बजे सबकी निगाहें नोएडा के सेक्टर 93 ए में बनी सुपरटेक के ट्विन टॉवर पर होगा, जिसे 3700 किलो विस्फोटक से ध्वस्त कर दिया जाएगा।

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कुतुब मीनार से भी ऊंचे नोएडा में सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर 28 अगस्त को ध्वस्त की जाने वाली भारत की सबसे ऊंची इमारतें बन जाएंगी। 32 और 30 मंजिल की दोनों इमारतें 9 सेकेंड में  ताश के पत्तों से बने घर की तरह ढह जाएंगी।

ध्वस्तीकरण की यह प्रक्रिया वैज्ञानिक तरीके से अंजाम दी जाएगी और उसके लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया जाएगा।

<a href=https://youtube.com/embed/Rx1OYMlofOc?autoplay=1><img src=https://img.youtube.com/vi/Rx1OYMlofOc/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

मुंबई स्थित कंपनी 'एडिफिस इंजीनियरिंग' दक्षिण अफ्रीका की अपनी साझेदारी कंपनी 'जेट डिमोलिशंस' के साथ मिलकर ध्वस्तीकरण का जिम्मा संभाल रही है, जो उसके लिए दुनिया में सिविल इंजीनियरिंग के सबसे बड़े कारनामों में से एक है।

एडिफिस इंजीनियरिंग के अधिकारी उत्कर्ष मेहता ने से कहा कि सभी विस्फोटकों में धमाका होने में नौ से 10 सेकेंड का वक्त लगेगा और धमाके की जोरदार आवाज आएगी। धमाकों के बाद इमारतें एक बार में नहीं गिरेंगी और उन्हें पूरी तरह मलबे के ढेर में तब्दील होने में 9 सेकेंड का वक्त लगेगा। इमारतें ध्वस्त होने के बाद उठने वाले धूल के गुबार को छंटने में लगभग 10 मिनट का वक्त लग जाएगा।

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परियोजना के अधिकारियों ने बताया कि ध्वस्तीकरण में इस्तेमाल किए जाने वाले विस्फोटकों में डेटोनेटर्स, रासायनिक मिश्रण और शॉक ट्यूब शामिल हैं, जिनमें 'जैल' या पाउडर रूप में विस्फोटक सामग्री होती है। एक अधिकारी ने कहा कि ये विस्फोटक बहुत प्रभावशाली नहीं होते हैं, लेकिन जब इन्हें बड़ी तादाद में इस्तेमाल किया जाता है तो ये कंक्रीट को तोड़ सकते हैं।

परियोजना के अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए आकलन के अनुसार, एपेक्स (32 मंजिला) और सियान (30 मंजिला) इमारतों के ध्वस्त होने से तकरीबन 35,000 घन मीटर मलबा और धूल का गुबार पैदा होगा, जिसका निपटान किया जाना होगा।

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नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक (योजना) इश्तियाक अहमद ने कहा कि 21,000 घन मीटर मलबे को वहां से हटाया जाएगा और पांच से छह हेक्टेयर की एक निर्जन जमीन पर फेंका जाएगा तथा बाकी मलबा ट्विन टावर के भूतल क्षेत्र में भरा जाएगा, जहां एक गड्ढा बनाया गया है।

आपको बता दें कि कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित सुपरटेक के इन ट्विन टावरों को ध्वस्त किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इन इमारतों को अवैध करार दिया था तथा कहा था कि नियमों का उल्लंघन करके इनका निर्माण किया गया है।

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