दिल्ली लौटकर मोदी को याद आया माणा गांव, भोजपत्र को लेकर लिखा खास संदेश

पीएम नरेंद्र मोदी को माणा गांव की सरपंच बीना बड़वाल ने जो भोजपत्र सौंपा उससे प्रधानमंत्री अभिभूत हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा- अभी जब मैं उत्तराखंड गया तो सीमावर्ती गांव के अपने आदिवासी भाई-बहनों से भी मिला। वहां मुझे एक महिला सरपंच ने विशेष भोजपत्र भेंट किया, जिसमें उकेरी गई उनकी भावनाएं अभिभूत करने वाली हैं।
 
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देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) पीएम नरेंद्र मोदी को माणा गांव की सरपंच बीना बड़वाल ने जो भोजपत्र सौंपा उससे प्रधानमंत्री अभिभूत हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा- अभी जब मैं उत्तराखंड गया तो सीमावर्ती गांव के अपने आदिवासी भाई-बहनों से भी मिला। वहां मुझे एक महिला सरपंच ने विशेष भोजपत्र भेंट किया, जिसमें उकेरी गई उनकी भावनाएं अभिभूत करने वाली हैं।

<a href=https://youtube.com/embed/ZGthU916y6k?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/ZGthU916y6k/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

आपको बता दें कि यह अभिनंदन पत्र भारतीय जनता पार्टी के जनजाति मोर्चे के जिलाध्यक्ष पुष्कर सिंह राणा ने मलारी (नीती घाटी) के शिक्षक सुरेंद्र सिंह राणा के हाथों भोजपत्र पर लिखवाया था। हरी, लाल और काली स्याही से इस अभिनंदन पत्र को लिखा गया है। अभिनंदन पत्र में प्रधानमंत्री का बदरीनाथ और माणा में पदार्पण पर हार्दिक आभार प्रकट किया गया।

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गौरतलब है कि नीती घाटी के द्रोणागिरी, कागा, गरपक, लाता गांव के जंगलों में भोजपत्र के पेड़ प्राकृतिक रुप से उगते हैं। पहले के जमाने में नीती घाटी के ग्रामीण इन्हीं भोजपत्रों में अपने सगे संबंधियों से पत्राचार करते थे। इन पत्रों पर लिखाई कई वर्षों तक मिटती नहीं है। भोजपत्र कभी खराब नहीं होता है। ये पेड़ करीब 16000 फीट की ऊंचाई में पाए जाते हैं। 

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