शनिवार को लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए भारत में कितने बजे लगेगा और कहां-कहां दिखाई देगा

सूतक काल सूर्य ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले से लग जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। भारत में ना दिखाई देने की वजह से इस सूर्यग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा।

 
  <a href=https://youtube.com/embed/_fBEE8II9B0?autoplay=1><img src=https://img.youtube.com/vi/_fBEE8II9B0/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण कल यानी 30 अप्रैल की मध्यरात्रि को लगने वाला है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, ये ग्रहण वैशाख मास की अमावस्या तिथि को घटित होगा। साल का पहला सूर्य ग्रहण कल और दूसरा सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर, 2022 को लगेगा। वहीं नासा के अनुसार, 30 अप्रैल के ग्रहण के दौरान, सूर्य की बिम्ब का 64 प्रतिशत हिस्सा चंद्रमा से अवरुद्ध हो जाएगा।

साल का पहला सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 30 अप्रैल की मध्यरात्रि यानि रात 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा। ये सूर्य ग्रहण 1 मई को सुबह 4 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। सूर्य ग्रहण की अवधि करीब 4 घंटे रहेगी। ये ग्रहण आंशिक होगा यानी चंद्रमा सूर्य के प्रकाश के केवल एक अंश को ही बाधित करेगा।

<a href=https://youtube.com/embed/2Vs2ZZApyck?autoplay=1><img src=https://img.youtube.com/vi/2Vs2ZZApyck/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका के अतिरिक्त अटलांटिक क्षेत्र, प्रशांत महासागर और दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी पश्चिमी भागों में दिखाई देगा। ये ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए भारत में इस ग्रहण का धार्मिक प्रभाव नहीं माना जाएगा और पूजा-पाठ में किसी भी तरह की पाबंदियां नहीं मानी जाएंगी।

सूतक काल सूर्य ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले से लग जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। भारत में ना दिखाई देने की वजह से इस सूर्यग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा।

<a href=https://youtube.com/embed/RHdpVYFQD10?autoplay=1><img src=https://img.youtube.com/vi/RHdpVYFQD10/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

नासा के अनुसार, सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और पृथ्वी पर छाया डालता है। इस अवस्था में वो सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है।

आंशिक ग्रहण के दौरान, चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं पाता है। इसकी वजह से सूर्य अर्धचंद्राकार आकार में नजर आता है। आंशिक ग्रहण होने की वजह से चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी एक पूर्ण सीधी रेखा में नहीं होंगे। चन्द्रमा अपनी छाया का केवल बाहरी भाग ही सूर्य पर डालेगा, इसे उपछाया भी कहा जाता है।

<a href=https://youtube.com/embed/MNeyNVMocuM?autoplay=1><img src=https://img.youtube.com/vi/MNeyNVMocuM/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">