10 साल की बच्ची ने पूरे शहर की पुलिस को दौड़ाया! सच सामने आया तो हर कोई रह गया हैरान

दरअसल गुजरात में राजकोट के के पोपटपारा इलाके में होमवर्क न करने का बहाना बनाने के लिए 10 साल की बच्ची ने अपने अपहरण का झूठी कहानी बना दी। शुक्रवार की सुबह नाबालिग लड़की अपने पिता के साथ प्रद्युम्न नगर थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची थी। लड़की ने पुलिस को बताया कि सुबह ट्यूशन क्लास की ओर जाते समय एसयूवी में उसका अपहरण कर लिया गया।
 
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राजकोट (उत्तराखंड पोस्ट) एक 10 साल की बच्ची ने पुलिस को चक्करघिन्नी बना दिया। बच्ची के वजह से पूरे शहर में 80 पुलिसकर्मियों की टीम को तैनात कर दिया गया लेकिन जब इस मामले का खुलासा हुआ तो हर कोई हैरान रह गया।

दरअसल गुजरात में राजकोट के के पोपटपारा इलाके में होमवर्क न करने का बहाना बनाने के लिए 10 साल की बच्ची ने अपने अपहरण का झूठी कहानी बना दी। शुक्रवार की सुबह नाबालिग लड़की अपने पिता के साथ प्रद्युम्न नगर थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची थी। लड़की ने पुलिस को बताया कि सुबह ट्यूशन क्लास की ओर जाते समय एसयूवी में उसका अपहरण कर लिया गया।

<a href=https://youtube.com/embed/vo6T7L6JcuM?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/vo6T7L6JcuM/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

बच्ची की शिकायत के मुताबिक, किडनैपर्स ने उसे गाड़ी में बैठाया और रास्ते में एक अन्य लड़की को भी उठा लिया। हालांकि, लड़की ने कहा कि बाद में उन्होंने दूसरी लड़की को रेलवे पुल के नीचे छोड़ दिया, जबकि वाहन उसे लेकर रेलवे स्टेशन की ओर चला गया। इस कहानी ने पुलिस को परेशान कर दिया, तभी पुलिस ने किडनैपर्स को खोजने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाना शुरू कर दिया, सभी पुलिस स्टेशनों को सतर्क किया साथ ही कई सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगा दिया।

इस मामले की जांच के लिए शुक्रवार को IPS अधिकारियों सहित शहर के 80 पुलिस कर्मियों की पूरी टीम को तैनात कर दिया गया। क्राइम ब्रांच के सीनियर कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे, जबकि विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने अपराधियों के बारे में सुराग खोजने के लिए कइयों को एक्टिव कर दिया।

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पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और यह सब समझने के लिए उसने इलाके के सभी सीसीटीवी फुटेज को स्कैन किया। फुटेज में लड़की को चलते हुए देखा गया लेकिन उसके आसपास किसी संदिग्ध गाड़ियों को नहीं देखा गया।

पुलिस उपायुक्त सुधीरकुमार देसाई ने बताया कि जांच के बाद पुलिस टीम लौट आई और लड़की से उसके माता-पिता और महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में बातचीत शुरू की। तभी बच्ची भड़क उठी और उसने कहानी के बारे में कबूल कर लिया और यह भी बताया कि उसे यह कहानी क्यों बनानी पड़ी।

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बच्ची ने बताया कि वह ट्यूशन क्लास में नहीं जाना चाहती थी, लेकिन उसकी मम्मी उसे अक्सर पढ़ने के लिए मजबूर करती थी। उसने सभी को मनगढ़ंत कहानी सुनाने से पहले अपने एक ‘दोस्त’ की मदद से अपने एक अपहरण की कहानी गढ़ी।