अयोध्या | गर्भगृह में रामलला की कौन सी मूर्ती होगी स्थापित? चयन के लिए हुई वोटिंग

रामलला की मूर्ति की आंखों से जिस समय पट्टी हटाई जाएगी, उस वक्त गर्भगृह में प्रधानमंत्री मोदी मौजूद रहेंगे। मोदी रामलला को पहली बार दर्पण में उनकी दिव्य झलक दिखाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह का पर्दा बंद रहता है। पट्टी हटाने के बाद मूर्ति को दर्पण दिखाने का विधान है, जिससे कि सबसे पहले खुद भगवान अपना चेहरा देख सकें। इस विधान का निर्वहन पीएम मोदी करेंगे। रामलला की पहली आरती भी पीएम उतारेंगे।
 
 

अयोध्या (उत्तराखंड पोस्ट) रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए राम जन्मभूमि परिसर को सजाने का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे।

पीएम सुबह 11 बजे तक राम जन्मभूमि परिसर में प्रवेश करेंगे और तीन घंटे तक परिसर में रहेंगे। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पीएम के साथ पांच अन्य अतिथि मौजूद रहेंगे। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान के लिए राम मंदिर के ठीक सामने पूर्व दिशा में भव्य यज्ञ मंडप बनकर तैयार हो चुका है।

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रामलला की मूर्ति की आंखों से जिस समय पट्टी हटाई जाएगी, उस वक्त गर्भगृह में प्रधानमंत्री मोदी मौजूद रहेंगे। मोदी रामलला को पहली बार दर्पण में उनकी दिव्य झलक दिखाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह का पर्दा बंद रहता है। पट्टी हटाने के बाद मूर्ति को दर्पण दिखाने का विधान है, जिससे कि सबसे पहले खुद भगवान अपना चेहरा देख सकें। इस विधान का निर्वहन पीएम मोदी करेंगे। रामलला की पहली आरती भी पीएम उतारेंगे।

देश- विदेश के सभी राम भक्त अपने आराध्य श्रीराम के दर्शन कर पाएंगे। हर राम भक्त रामलला के पहले दर्शन करना चाहता है। सभी राम भक्तों के मन में सवाल है कि आखिर रामलला की कौन सी मूर्ति राम मंदिर में विराजमान होगी। प्रभु श्रीराम किस स्वरूप में विराजेंगे।

रामलला की मूर्ति पर फैसला कब ?

जानकारी के अनुसार तीन अलग-अलग मूर्तिकारों ने तीन मूर्तियों का डिजाइन तैयार किया है और इनमें से एक मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया जाएगा। भव्य मंदिर के गर्भगृह के भीतर स्थापित की जाने वाली भगवान राम लला की मूर्ति पर फैसला करने के लिए शुक्रवार को ट्रस्ट के सदस्यों की बैठक हुई। बैठक में तीनों मूर्तियों को रखा गया, जिसमें से एक का चयन होना है।

इस दौरान ट्रस्ट के सदस्यों ने पर्ची के माध्यम से तीनों मूर्तियों को वरीयता क्रम में वोटिंग की। जिस मूर्ति को सबसे अधिक लोगों ने पहली वरीयता में रखा होगा उस मूर्ति की स्थापना गर्भगृह के भीतर की जाएगी। ट्रस्ट के सदस्यों ने वोटिंग के बाद बताया कि इस वोटिंग को पूरी तरह गुप्त रखा गया है और तीन दिन में इस पर फैसला ले लिया जाएगा कि कौन सी मूर्ति का चयन गर्भगृह में स्थापित करने के लिए किया गया है।

ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने बुधवार को कहा था कि भगवान राम की पांच साल की उम्र की कोमलता को प्रतिबिंबित करने वाली 51 इंच ऊंची मूर्ति को तीन डिजाइनों में से चुना जाएगा। चंपत राय ने कहा था कि जिस मूर्ति में सबसे ज्यादा दिव्यता होगी और उसे  5 साल के बच्चे जैसे नजरिए से बनाया गया होगा, उसीका चयन गर्भगृह में स्थापना के लिए किया जाएगा।

7 दिन तक चलेगा अभिषेक समारोह- राम मंदिर के अधिकारियों के मुताबिक, अभिषेक समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर सात दिनों तक चलेगा।

16 जनवरी- मंदिर ट्रस्ट द्वारा नियुक्त यजमान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र प्रायश्चित समारोह का संचालन करेंगे। सरयू नदी के तट पर 'दशविध' स्नान, विष्णु पूजा और गायों को प्रसाद दिया जाएगा।

17 जनवरी- भगवान राम की बाल स्वरूप (राम लला) की मूर्ति लेकर एक जुलूस अयोध्या पहुंचेगा। मंगल कलश में सरयू जल लेकर श्रद्धालु राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचेंगे।

18 जनवरी- गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे।

19 जनवरी- पवित्र अग्नि जलाई जाएगी, इसके बाद 'नवग्रह' की स्थापना और 'हवन' किया जाएगा।

20 जनवरी- मंदिर के गर्भगृह को सरयू जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और 'अन्नाधिवास' अनुष्ठान होगा।

21 जनवरी- रामलला की मूर्ति को 125 कलशों से स्नान कराया जाएगा और फिर उनको आराम करने दिया जाएगा।

22 जनवरी- सुबह की पूजा के बाद दोपहर में 'मृगशिरा नक्षत्र' में राम लला का अभिषेक किया जाएगा।

जल्दबाजी में नहीं हो रहा काम- श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि राम मंदिर निर्माण का काम जल्दबाजी में नहीं किया जा रहा है, बल्कि इसमें पर्याप्त समय लगाकर गुणवत्तापूर्ण तरीके से इसे किया जा रहा है। मंदिर के निर्माण कार्य को तीन चरणों में बांटा गया है। पहला चरण दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा, दूसरा चरण जनवरी में पूरा होगा, जब मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होगा। वहीं तीसरे चरण में जटिल निर्माण कार्य शामिल है।

राम मंदिर निर्माण में कितना खर्च आया ?

अयोध्या में तैयारियां चल रही हैं तो पूरे देश में भक्ति का माहौल बना हुआ है। इस बीच सबसे ज्यादा लोग ये जानना चाहते हैं कि राम मंदिर कितने रुपए में बनकर तैयार हुआ है।

अयोध्या मे बनने वाले राम मंदिर पर अब तक 900 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। राम मंदिर के लिए लोग खुलकर दान कर रहे हैं और ट्रस्ट को लगातार दान मिल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कोर्ट के निर्देश पर राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हुआ। नाम है श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट। दान की राशि इसी ट्रस्ट के पास आ रही है और इसी में से भगवान श्रीराम के मंदिर पर होने वाले खर्च का पैसा जा रहा है।

ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी का कहना है कि रामलला के मंदिर निर्माण में जो पैसा खर्च हुआ है, उसके बाद भी अभी करीब 3000 करोड़ रुपए ट्रस्ट के पास बचे हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने बताया कि राम मंदिर निर्माण में भगवान कुबेर की विशेष कृपा है। प्रभु राम की कृपा से उनके भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा।