BCCI का बड़ा तोहफा | अब रणजी नॉकआउट मैचों में इस्तेमाल होगी ये तकनीक

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) बीसीसीआई ने रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में होने वाले नॉकआउट मुकाबलों में लिमिटेड डीआरएस का इस्तेमाल करने की इजाजत दी है। जिसके मुताबिक डीआरएस में हॉक-आई (Hawk-Eye) और अल्ट्राएज (UltraEdge) का उपयोग नहीं होगा। इन दोनों तकनीक का इस्तेमाल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में किया जाता है। बता दें बीते सीजन रणजी
 

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) बीसीसीआई ने रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में होने वाले नॉकआउट मुकाबलों में लिमिटेड डीआरएस का इस्तेमाल करने की इजाजत दी है। जिसके मुताबिक डीआरएस में हॉक-आई (Hawk-Eye) और अल्ट्राएज (UltraEdge) का उपयोग नहीं होगा। इन दोनों तकनीक का इस्तेमाल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में किया जाता है।

बता दें बीते सीजन रणजी ट्रॉफी मुकाबलों में खराब अंपायरिंग की शिकायत आई थी। इसमें सौराष्ट्र और कर्नाटक के बीच खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान चेतेश्वर पुजारा को जोरदार निक के बावजूद आउट नहीं दिया गया था।

बीसीसीआई के महाप्रबंधक सबा करीम ने लिमिटेड डीआरएस के उपयोग की पुष्टि की है। करीम ने कहा, ‘बीते साल कुछ नॉकआउट मैचों के दौरान अंपायरों से कुछ गलतियां हुई थीं और इसी कारण हमने इस तरह की स्थिति से बचने के लिए लिमिटेड डीआरएस का उपयोग करने का फैसला किया है।

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