उत्तराखंड में दिया ‘साथ’, लेकिन विस चुनाव में साथ नहीं रहेंगे ‘हाथी’ और ‘हाथ’

उत्तराखंड में तो मायावती का हाथी कांग्रेस के हाथ का खेवनहार बना लेकिन उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में हाथी कांग्रेस के हाथ के साथ नहीं दिखाई देगा।उत्तराखंड में फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस को समर्थन देने के बाद उत्तराखंड और यूपी विधानसभा चुनाव भी कांग्रेस के साथ लड़ने के सवाल पर बसपा
 

उत्तराखंड में तो मायावती का हाथी कांग्रेस के हाथ का खेवनहार बना लेकिन उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में हाथी कांग्रेस के हाथ के साथ नहीं दिखाई देगा।उत्तराखंड में फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस को समर्थन देने के बाद उत्तराखंड और यूपी विधानसभा चुनाव भी कांग्रेस के साथ लड़ने के सवाल पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज साफ कर दिया कि वे उत्तराखंड और यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने नहीं जा रही है। उन्होंने कहा कि दोनों ही राज्यों में बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी।

गौरतलब है कि मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में उत्तराखंड में बसपा के दो विधायकों की भूमिका अहम थी और सबकी निगाहें मायावती की ओर थी कि आखिर बसपा फ्लोर टेस्ट में किसके साथ जाती है।

भाजपा और कांग्रेस दोनों बसपा को साधने की पूरी कोशिश में जुटे रहे कि कैसे भी बसपा का समर्थन हासिल कर लिया जाए। बीजेपी ने तो इसके लिए हरिद्वार में बिना बसपा के मांगे ही जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए बसपा को समर्थन देने का ऐलान तक कर दिया था। लेकिन बसपा को भाजपा के बिना मांगा ऑफर रास नहीं आया और फ्लोर टेस्ट से ऐन पहले मायावती ने दिल्ली में ये ऐलान करके हरीश रावत को बड़ी राहत दे दी कि बसपा फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस को समर्थन देगी। इतना ही नहीं हरिद्वार जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी बसपा ने सबसे बड़ा दल होने के बाद भी कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन देकर सबको चौंका दिया था।