मुंबई हमले से पहले ताज होटल में रूका था डेविड हेडली

26/11 हमलों को लेकर मुंबई की विशेष अदालत में दूसरे दिन भी शिकागो से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डेविड हेडली की पेशी हुई। पूछताछ में हेडली ने दावा किया की पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई लश्कर-ए-तय्यबा समेत कई आतंकवादी संगठनों को पूरी मदद करता है। हेडली ने बताया कि आईएसआई पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों
 

26/11 हमलों को लेकर मुंबई की विशेष अदालत में दूसरे दिन भी शिकागो से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डेविड हेडली की पेशी हुई। पूछताछ में हेडली ने दावा किया की पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई लश्कर-ए-तय्यबा समेत कई आतंकवादी संगठनों को पूरी मदद करता है। हेडली ने बताया कि आईएसआई पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों की मिलटरी और आर्थिक तौर भी मदद करती है।

हेडली से जब मुंबई हमलों की वजह पूछी गई तो उसने बताया कि उसे हमले की वजह पता नहीं है। ताज होटल में प्रस्तावित डिफेंस कॉन्फ्रेंस को निशाना बनाने के पीछे की वजह पूछने पर हेडली ने कहा कि वहां हमला करके आतंकी जवानों को बंधक बनाकर हथियार लूटने की तैयारी में थे। डेविड हेडली ने कोर्ट से कहा कि साजिद मीर ने उसे खासकर सिद्धिविनायक मंदिर के वीडियो लेने के लिए कहा था। उसने कहा, ‘मैंने सिद्धिविनायक पहुंचने के रास्तों को जीपीएस पर मार्क करके बताया था। मैंने कैमरे से वीडियो बनाकर साजिद मीर और मेजर इकबाल को भेजे थे। इन्होंने ही मुझे जीपीएस उपलब्ध कराया था।

हेडली ने बताया कि साजिद मीर ने उसे ताज होटल के दूसरे फ्लोर और कन्वेंशन हॉल का खास जायजा लेने के लिए कहा था। अप्रैल 2007 में वह पत्नी फैजा के साथ मुंबई आया और ताज होटल में ठहरा। मेजर इकबाल और साजिद मीर ने उस ताज होटल के कोने-कोने की वीडियो ग्राफी करने के लिए कहा था। हेडली ने बताया कि उसने वो वीडियो मेजर इकबाल और साजिद मीर को दिए। उसने यह भी कहा कि ताज होटल के अलावा शहर के दूसरे इलाकों, रेलवे स्टेशन, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के भी वीडियो बनाए।

उसने कहा कि वह छत्रपति शिवाजी टर्मिनस भी गया लेकिन उसे टारगेट के तौर पर सेलेक्ट नहीं किया था। वह जुलाई में ओबेरॉय होटल की रेकी के लिए गया और कोलाबा पुलिस स्टेशन के आसपास के इलाकों में भी पड़ताल की।

कोर्ट में दावा करते हुए हेडली ने कहा कि वह मुंबई में मीरा कृपालिनी नाम की महिला को जनता है जो ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल के पास एक पीजी में रहती थी। उसने कहा, ‘मैंने मुंबई में न सिर्फ टारगेट देखे बल्कि किन रास्तों से घुसा जा सकता है इसकी भी पड़ताल की। नेवी एयर स्टेशन, महाराष्ट्र पुलिस हेडक्वार्टर को भी टारगेट के तौर पर रेकी की।

हेडली ने बताया कि साल 2006 में मुजम्मिल, मेजर इकबाल और साजिद मीर ने एक बैठक करके आतंकी हमले की लोकेशन तय की थी। इसमें मुंबई, दिल्ली या फिर बंगलुरु के नामों पर चर्चा हुई थी और बाद में मुंबई के नाम पर सभी ने सहमति जताई थी।