मुंबई हमला | पढ़ें- डेविड हेडली के बड़े खुलासे

मुंबई: लश्कर ए तैयबा का पाकिस्तानी-अमेरिकी सदस्य डेविड हेडली की 26/11 मामले में सरकारी गवाह बनाए जाने के बाद वीडियो लिंक के जरिए मुंबई की एक अदालत में पेशी हुई। पूछताछ के दौरान हेडली ने मुंबई आतंकी हमले से जुड़े कई अहम खुलासे किए। हेडली ने कहा कि वह लश्कर प्रमुख हाफिज सईद से ‘प्रभावित’
 

मुंबई: लश्कर ए तैयबा का पाकिस्तानी-अमेरिकी सदस्य डेविड हेडली की 26/11 मामले में सरकारी गवाह बनाए जाने के बाद वीडियो लिंक के जरिए मुंबई की एक अदालत में पेशी हुई। पूछताछ के दौरान हेडली ने मुंबई आतंकी हमले से जुड़े कई अहम खुलासे किए। हेडली ने कहा कि वह लश्कर प्रमुख हाफिज सईद से ‘प्रभावित’ होकर इस संगठन में शामिल हुआ था और उसने वर्ष 2002 में मुजफ्फराबाद में उनके साथ पहली बार प्रशिक्षण प्राप्त किया था। गवाही के दौरान उसने हाफिज सईद का भी नाम लिया और कहा कि पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 26/11 हमलों से पहले मुंबई पर दो बार हमला करने की कोशिश की थी लेकिन वे दोनों बार ऐसा करने में नाकाम रहे थे। उसने बताया कि व हमले से पहले कुल आठ बार भारत आया था। वह 26 नवंबर 2008 को आतंकवादी हमले से पहले सात बार और हमले के बाद एक बार भारत आया था।

26/11 मामले में सरकारी गवाह बनाए गए हेडली ने कहा कि वह लश्कर में मुख्य रूप से साजिद मीर के संपर्क में था। साजिद मीर भी इस मामले में एक आरोपी है। आतंकवादी हमलों में शामिल होने के मामले में अमेरिका में 35 वर्ष के कारावास की सजा भुगत रहे हेडली ने यह भी कहा कि उसने 2006 में अपना नाम दाउद गिलानी से बदलकर डेविड हेडली रख लिया था ताकि वह भारत में प्रवेश कर सके और यहां कोई कारोबार स्थापित कर सके।

हेडली ने अदालत से कहा कि ‘मैंने फिलाडेल्फिया में पांच फरवरी 2006 को नाम बदलने के लिए आवेदन दिया था। मैंने नए नाम से पासपोर्ट लेने के लिए अपना नाम बदलकर डेविड हेडली रख लिया। मैं नया पासपोर्ट चाहता था ताकि मैं एक अमेरिकी पहचान के साथ भारत में दाखिल हो सकूं।  हेडली ने कहा, जब मुझे नया पासपोर्ट मिल गया तो मैंने लश्कर ए तैयबा में अपने साथियों को यह बात बताई। इनमें से एक साथी साजिद मीर था। यही वह व्यक्ति था, जिससे मैं संपर्क में था। भारत में आने का मेरा उद्देश्य एक कारोबार स्थापित करना था ताकि मैं भारत में रह सकूं। पहली यात्रा से पहले साजिद मीर ने मुझे मुंबई का एक आम वीडियो बनाने के निर्देश दिए थे।

हेडली ने यह भी कहा कि भारतीय वीजा आवेदन में उसने अपनी असल पहचान छिपाने के लिए सभी ‘झूठी’ जानकारियां दी। उसने यह भी माना है कि मुंबई हमले के बाद भी वह भारत आया था।

मुंबई पुलिस ने याचिका में कहा था कि हेडली के खिलाफ अमेरिकी अदालत के निर्णय से यह स्पष्ट है कि वह लश्कर का सदस्य था और उसने आतंकवादी हमले में आपराधिक षड्यंत्र रचने में सक्रिय भूमिका निभाई थी। हेडली की गवाही से मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के पीछे के षड्यंत्र के बारे में कई अहम खुलासे हो रहे हैं। इन हमलों में 166 लोगों की मौत हुई थी। अदालत ने 10 दिसंबर 2015 को हेडली को इस मामले में सरकारी गवाह बनाया था और उसे आठ फरवरी को अदालत के समक्ष पेश होने को कहा था। उस समय हेडली ने विशेष न्यायाधीश जी ए सनप से कहा था कि अगर उसे माफ किया जाता है तो वह गवाही देने को तैयार है। न्यायाधीश सनप ने हेडली को कुछ शर्तों के आधार पर सरकारी गवाह बनाया था और उसे माफी दी थी। फिलहाल सबकी निगाहें मंगलवार को हेडली से फिर होने वाले पूछताछ पर है, माना जा रहा है कि हेडली मंगलवार को कुछ और बड़े खुलासे कर सकता है।