सरकार आयुर्वेद और उपचार के पुरानी पद्धति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध :  PM मोदी

आयुर्वेद की संभावनाओं का अबतक पूरा उपयोग नहीं किया जा सका है। स्वास्थ्य को लेकर समग्र नजरिये के कारण आयुर्वेद की पहचान आज पूरी दुनिया में है। आयुर्वेद से बहुत सारे स्वास्थ्यगत समस्याओं का समाधान संभव है। कोझिकोड में वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव (जीएएफ) में प्रधानमंत्री मोदी ने ये बात कही। गौरतलब है कि दो साल
 

आयुर्वेद की संभावनाओं का अबतक पूरा उपयोग नहीं किया जा सका है। स्वास्थ्य को लेकर समग्र नजरिये के कारण आयुर्वेद की पहचान आज पूरी दुनिया में है। आयुर्वेद से बहुत सारे स्वास्थ्यगत समस्याओं का समाधान संभव है। कोझिकोड में वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव (जीएएफ) में प्रधानमंत्री मोदी ने ये बात कही। गौरतलब है कि दो साल में एक बार होने वाले जीएएफ को आयुर्वेद के क्षेत्र का सबसे बड़ा आयोजन माना जाता है। जिसका आयोजन केरल सरकार, आयुष विभाग के साथ मिलकर ‘सेंटर फॉर इनोवेशन इन साइंस एंड सोशल एक्शन’ कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास प्राचीन विद्या की समृद्ध विरासत है, इससे वर्तमान समय में भी बड़े पैमाने पर लोग लाभान्वित हो सकते हैं। पीएम ने कहा कि हमारी सरकार आयुर्वेद समेत तमाम क्षेत्र में प्राचीन ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है। ‘हमें स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने से आगे सोचने होगा। हमें अच्छा स्वास्थ्य और शारीरिक एवं मानसिक तौर पर खुद को स्वस्थ रखने की जरूरत है। भारत में संतों और मुनियों की स्वास्थ्य सेवा के लिए देशी तरीके अपनाने की लंबी परंपरा चली आ रही है। ये सरकार आयुर्वेद और उपचार के पुरानी पद्धति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम मोदी ने कहा कि अगर स्वामी विवेकानंद के शब्दों में कहा जाए तो हमें पूर्व और पश्चिम दोनों के बेहतरीन स्वास्थ्य उपायों पर ध्यान देना होगा। उपचार की इस पुरानी पद्धति का फायदा ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को मिलता है, जो पारंपरिक दवाओं को कम दामों में खरीदने में सक्षम होते हैं। ग्लोबल आयुर्वेद सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के यहां आने पर युवा कांग्रेस के करीब 200 कार्यकर्ताओं ने आज राजग सरकार के कथित लोक-विरोधी नीतियों के खिलाफ कारीपुर हवाई अड्डे के नजदीक प्रदर्शन किया हलांकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों हवाई अड्डा पहुंचने के पहले ही रोक दिया। प्रदर्शनकारी हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की तस्वीर लगे हुये बैनर हाथों में लिये हुये थे।