2.1 किलोमीटर पहले लैंडर से संपर्क टूटा, डाटा का अध्ययन अभी जारी है- ISRO

बंगलुरु (उत्तराखंड पोस्ट) ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था। चंद्रयान-2 के बारे में अभी जानकारी का इंतजार है। इस बारे में जानकारी देते हुए इसरो चेयरमैन के. सिवन ने कहा, ”लैंडर
 

बंगलुरु (उत्तराखंड पोस्ट)  ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था। चंद्रयान-2 के बारे में अभी जानकारी का इंतजार है।

इस बारे में जानकारी देते हुए इसरो चेयरमैन के. सिवन ने कहा, ”लैंडर ‘विक्रम’ को चंद्रमा की सतह पर लाने की प्रक्रिया सामान्य देखी गई, लेकिन बाद में लैंडर का संपर्क जमीनी स्टेशन से टूट गया, 2.1 किलोमीटर की दूरी तक सबकुछ सामान्य था। डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों से हिम्मत रखने को कहा है। पीएम ने ISRO चेयरमैन की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि ”जो किया वो छोटा नहीं था। आपने देश, विज्ञान और मानव जाति की बहुत बड़ी सेवा की है। मैं पूरी तरह से आपके साथ हूं।”

प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से कहा, ”जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं, उम्मीद की किरण बाकी है। हर पड़ाव से हम सीखते रहते हैं। देश की सेवा करने को लिए आप सब को बधाई। मैं आपके साथ हूं।”

प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके भी कहा कि ”ये क्षण हौसला रखने के हैं, और हम हौसला रखेंगे। हमें उम्मीद है और अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में हम कठिन परिश्रम करना जारी रखेंगे।”

आपको बता दें कि लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया। ‘विक्रम’ ने ‘रफ ब्रेकिंग’ और ‘फाइन ब्रेकिंग’ फेज को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया। इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं। इसरो अध्यक्ष के. सिवन इस दौरान कुछ वैज्ञानिकों से गहन चर्चा करते दिखे।

वहीं, विभिन्न विशेषज्ञों ने कहा कि अभी इस मिशन को असफल नहीं कहा जा सकता। लैंडर से एक बार फिर संपर्क स्थापित हो सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि अगर लैंडर विफल भी हो जाए तब भी ‘चंद्रयान-2’ का ऑर्बिटर एकदम सामान्य है और वह चांद की लगातार परिक्रमा कर रहा है। 

Youtube Videos– http://www.youtube.com/c/UttarakhandPost 

Follow Twitter Handle– https://twitter.com/uttarakhandpost                 

Like Facebook Page– https://www.facebook.com/Uttrakhandpost