मोबाइल चोरों की ‘कंपनी’ में मिलती है दो दिन की छुट्टी, टारगेट पूरा करने पर ईनाम

नई दिल्ली(उत्तराखंड पोस्ट)पुलिस ने बसों में यात्रा करने वालों के मोबाइल फोन चुराने वाले गैंग के 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मोबाइल फोन चुराने वाला गैंग असल में गैंग नहीं, एनएनसी की तरह काम करता था।पुलिस के पूछने पर गैंग के सरगना ने कहा कि उनका गैंग नहीं बल्कि किसी मल्टी नैशनल कंपनी जैसी
 

नई दिल्ली(उत्तराखंड पोस्ट)पुलिस ने बसों में यात्रा करने वालों के मोबाइल फोन चुराने वाले गैंग के 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है

मोबाइल फोन चुराने वाला गैंग असल में गैंग नहीं, एनएनसी की तरह काम करता था।पुलिस के पूछने पर गैंग के सरगना ने कहा कि उनका गैंग नहीं बल्कि किसी मल्टी नैशनल कंपनी जैसी कंपनी थी । टारगेट पूरा होने मोबाइल फोन चुराने पर रोज मेहनताना देते थे और हफ्ते में दो दिन छुट्टी रहती थी।

चोरों की इस ‘कंपनी’ का सरदार चमन लाल था। बोपी बिश्वास उसका राइट हैंड है। ओम प्रकाश और ज्ञानेश को उन्होंने नौकरी पर रखा था। इसके अलावा भी कुछ और लोगों के गैंग में होने का शक है।

महीने में शुरू के 10 दिनों तक अधिक मेहनत करते थे।बसों में फोन चुराने के लिए इनका गैंग बस के पीछे-पीछे ऑटो लेकर चलता था। चलती बस में फोन चुराने के बाद वे लोग उतरकर ऑटो में सवार हो जाते थे। दिल्ली के किसी भी इलाके में वे मोबाइल चुरा सकते थे, लेकिन उनके पसंदीदा बस रूटों में एमबी रोड से बदरपुर, कालका मंदिर से मां आनंदमयी मार्ग, आउटर रिंग रोड और बीआरटी पर चलने वाली डीटीसी और क्लस्टर बसें थीं

वे हर दिन कम से कम 7-8 मोबाइल फोन चुरा लेते थे।  चुराए गए फोनों को पंजाब के गुरुदासपुर में रहने वाला सनी उनसे दिल्ली आकर हर सप्ताह मोबाइल फोन खरीदकर ले जाता था।इनके पार्ट्स या फोन बेचने पर एक फोन का 1000-1500 रुपये ही मिलता था।

सबसे अधिक कीमत सैमसंग के फोन की मिलती थी। चोर बाजार में अच्छी कीमत मिल जाती थी।  पुलिस ने गुरुदासपुर में सनी को पकड़ने के लिए रेड डाली, लेकिन वह बच निकला।

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