इस हॉकी खिलाड़ी को लग गई थी गोली, खट्टर सरकार में अब बना मंत्री

चंडीगढ़ (उत्तराखंड पोस्ट) गुरुवार को हरियाणा में BJP और JJP सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। इस मंत्रिमंडल में 10 मंत्रियों के साथ संदीप सिंह ने भी राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान रह चुके संदीप सिंह एक बार गोली के शिकार भी हो चुके हैं जिसके बाद
 

चंडीगढ़ (उत्तराखंड पोस्ट) गुरुवार को हरियाणा में BJP और JJP सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। इस मंत्रिमंडल में 10 मंत्रियों के साथ संदीप सिंह ने भी राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान रह चुके संदीप सिंह एक बार गोली के शिकार भी हो चुके हैं जिसके बाद उनकी पूरी जिंदगी बदल गई।

27 फरवरी 1986 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में जन्मे संदीप सिंह ने साल 2004 में सुल्तान अजलान शाह कप के दौरान भारतीय हॉकी टीम में प्रवेश किया था। इसके वह भारतीय पेनल्टी कॉर्नर स्पेशलिस्ट और दुनिया के बेहतरीन ड्रैग फ्लिकर के तौर पर जाने गए।

संदीप सिंह एक दर्दनाक हादसे के शिकार हुए थे। उन्हें विश्व कप में हिस्सा लेने जर्मनी जाना था और वह अपने टीम के साथियों के साथ के लिए कालका शताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली आ रहे थे। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के एक जवान की बंदूक से गलती वश गोली चल गई और जाकर संदीप सिंह के कमर के निचले हिस्से में लगी। इसके बाद उनके जीवन के संघर्ष की असली कहानी शुरू हुई।

संदीप सिंह ने बताया जब उन्हें गोली लगी थी को ऐसा महसूस हुआ किसी ने मेरे पीठ पर लोहे की रोड़ घुसा दी हो। उन्होंने कहा गोली लगने के बाद अचानक एक आदमी आता है मेरे पास और कहता है कि मुझसे गलती से गोली चल गई है।

गोली लगने के 2 साल के लिए संदीप लगभग व्हील चेयर पर रहे। सभी उम्मीद खो चुके थे कि वह कभी मैदान पर उतरेंगे। लेकिन संदीप सिंह ने फिर से खेलने का फैसला किया। 2 साल तक संघर्ष करने के बाद संदीप सिंह ने हॉकी के मैदान में दोबारा वापसी की। वापसी करने के बाद ‘सुल्तान अजलान कप’ में संदीप सिंह की मौजूदगी में भारत ने दमदार प्रदर्शन किया था। साल 2009 में संदीप सिंह को भारतीय हॉकी टीम का कप्तान घोषित किया गया था।

उन्होंने बताया गोली लगने की घटना के बाद हॉस्पिटल पहुंचने से पहले उनका बहुत सारा खून बह गया था। जब उन्हें अस्पताल ले जाया गयौ तो वहां डॉक्टर्स ने भी उनकी हालत देखकर सारी उम्मीदें खो दी थी। लेकिन वह बच गया। इसकी वजह सिर्फ उनती इच्छा शक्ति और समर्पण था।

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