10 दिन में परिवार को खा गया कोरोना, मां-पिता के बाद सालगिरह के दिन बेटे की मौत
कोरोना संक्रमण के बाद सबसे पहले 21 अप्रैल को उनकी मां चल बसी। चार दिन बाद पिता नहीं रहे और 29 अप्रैल को शशांक ने भी हमेशा के लिए आंखें मूंद ली। उनकी बहन अब भी अस्पताल में हैं और वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। शशांक की मौत उनकी शादी की सालगिरह की तारीख के दिन हुई
कोरोना संक्रमण के बाद सबसे पहले 21 अप्रैल को उनकी मां चल बसी। चार दिन बाद पिता नहीं रहे और 29 अप्रैल को शशांक ने भी हमेशा के लिए आंखें मूंद ली। उनकी बहन अब भी अस्पताल में हैं और वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। शशांक की मौत उनकी शादी की सालगिरह की तारीख के दिन हुई।
जानकारी के असार भोपाल के रहने वाले शशांक सितंबर, 2020 तक केरल में पदस्थ थे। 2009 में बैंक ज्वॉइन करने से पहले वे बरकतउल्लाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाते थे। उन्होंने भोपाल के सेंट मेरी कॉन्वेंट से पढ़ाई करने के बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी। शशांक की 29 अप्रैल, 2012 को शादी हुई थी।