INSIDE STORY | गोवा में कैसे बनी BJP की सरकार, क्यों हाथ मलती रह गई कांग्रेस ?

बीजेपी ने गोवा में दूसरे नंबर की पार्टी होने के बाद भी अखिरकार सरकार बना ली है। मनोहर पर्रिकर ने गोवा विधानसभा में विश्वास मत भी जीत लिया है। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App –https://play.google.com/store/apps/details?id=app.uttarakhandpost गोवा में बीजेपी की सरकार गठन को लेकर कांग्रेस लगातार बीजेपी पर
 

बीजेपी ने गोवा में दूसरे नंबर की पार्टी होने के बाद भी अखिरकार सरकार बना ली है। मनोहर पर्रिकर ने गोवा विधानसभा में विश्वास मत भी जीत लिया है। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App –https://play.google.com/store/apps/details?id=app.uttarakhandpost

गोवा में बीजेपी की सरकार गठन को लेकर कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमलावर रही है। राहुल गांधी ने तो बीजेपी पर गोवा में सरकार चोरी करने तक का आरोप लगाया।

सबके मन में ये सवाल है कि आखिर गोवा में बीजेपी ने कांग्रेस से कम सीटें जीतने के बाद भी आखिर कैसे ये सब संभव कर दिखाया।

पूरी कहानी गडकरी की जुबानी | बीजेपी के लिए यह संभव हो पाया क्योंकि पार्टी के गोवा प्रभारी नितिन गडकरी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह नतीजे आने के तुरंत बाद सक्रिय हो गए थे। दरअसल गोवा में बीजेपी को 13 सीटें मिली थी, वहीं कांग्रेस के पास 17 सीटें थीं। बीजेपी गोवा यूनिट के प्रभारी गडकरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए बताया, ‘नतीजे जब सामने आए तो राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने मुझे कॉल किया और मुझे मिलने के लिए कहा। मैंने उनसे कहा कि मैं उनके निवास पर आता हूं, वह मेरे यहां न आएं. अगले 30 से 45 मिनट में हमने उनके निवास पर ही मिलने का फैसला किया। शाम के सात बज रहे थे, हमने गोवा के राजनीतिक हालात पर विस्तार से चर्चा की। हमारे पास नंबर्स कम थे। मैंने अध्यक्ष जी से कहा कि हमारे पास सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या नहीं आई। अमित शाह जी ने मुझे कहा कि गोवा में हमें सरकार बनाना है और इसके लिए मुझे तुरंत गोवा रवाना होने का निर्देश दिया।’ गडकरी ने आगे कहा कि वो वहां से सीधे अपने घर आए और वहां से गोवा रवाना हो गए।

गडकरी ने आगे बताया, ‘गोवा में नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने मुझसे कहा कि मनोहर पर्रिकर के लिए रक्षा मंत्रालय छोड़कर गोवा लौटना सही नहीं है। मैंने पर्रिकर से भी बात की।’ इसके बाद, गडकरी रात भर सोए नहीं और बीजेपी गठबंधन की संभावनाओं पर काम करते रहे। वह गठबंधन, जो एक शर्त पर होने वाला था। गडकरी ने बताया, ‘रात डेढ़ बजे एमजीपी के सुदिन धावलिकर ने मुझसे मुलाकात की। मैं उनको लंबे वक्त से जानता था, हमारे बीच बातचीत हुई। उन्होंने हमें समर्थन देने की बात कही। इसके बाद गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई मुझसे मिलने पहुंचे।’

गडकरी ने आगे बताया, ‘सुबह पांच बजे, उन्होंने एमजीपी और जीएफपी ने शर्त रखी कि वे बीजेपी को तभी समर्थन देंगे, जब पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाया जाए। मैंने सुबह पांच बजकर 15 मिनट पर अमित शाह से बात की और इस बात की जानकारी उन्हें दी। मैंने उन्हें कहा कि मैं फैसला नहीं कर पा रहा और मुझे उनकी राय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पीएम इस वक्त सो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह सुबह सात बजे पीएम को कॉल करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर पर्रिकर को गोवा भेजना भी है तो बीजेपी संसदीय बोर्ड फैसला करेगी और पर्रिकर की इच्छा पर भी विचार किया जाएगा।’

सुबह साढ़े आठ बजे शाह ने गडकरी को फोन किया और बताया कि उन्होंने पीएम और अन्य लोगों से बातचीत की। गडकरी ने बताया, ‘हर किसी का कहना है कि अगर हम गोवा में सरकार बना सकते हैं और पर्रिकर तैयार हैं तो हमें ऐसा करना चाहिए।’

तो इस प्रकार से गोवा में बीजेपी की सरकार बनी और बीजेपी से ज्यादा सीटें लाने के बाद भी कांग्रेस हाथ मलती रह गई। अब कांग्रेस सिर्फ बीजेपी को कोस रही है जबकि मनोहर पार्रिकर ने सदन में विश्वास मत भी सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है।