शहीद की अर्थी को मां और बहन ने दिया कंधा, दो माह की बेटी ने दी मुखाग्नि
गुरदासपुर(उत्तराखंड पोस्ट) जम्मू-कश्मीर में हिमस्खलन की चपेट में आने से शहीद हुए सेना के जवान रणजीत सिंह सलारिया का शुक्रवार को पंजाब के गुरदासपुर स्थित उनके पैतृक गांव में पूरे सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया।
शहीद का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर जब गांव पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया। जिसे देखकर पत्नी दीया मां रीना देवी, पिता हरबंस सिंह, बहन जीवन ज्योति बेसुध हो गई। मां और बहन ने शहीद की अर्थी को कंधा देकर श्मशान पहुंचाया। शहीद सिपाही रंजीत सलारिया की दो माह की बेटी अपने दादा और चाचा के साथ अपने नन्हें हाथों से अपने शहीद पापा की चिता को मुखाग्नि दी तो श्मशानघाट शहीद रंजीत सलारिया अमर रहे, भारत माता की जय के जयघोषों से गूंज उठा।
26 वर्षीय रंजीत सिंह भारतीय सेना की 45 राष्ट्रीय रायफल्स में तैनात थे।वह 13 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के माछिल सेक्टर में शहीद हुए। रंजीत की शादी एक साल पहले हुई थी। दो महीने पहले ही उनके घर बेटी ने जन्म लिया था, जिसका नाम परी रखी गया। घर में हर तरफ खुशियों का माहौल था। रंजीत सिंह अपनी बेटी का चेहरा देख भी नहीं पाए थे, उससे पहले ही वह बर्फीले तूफान की चपेट में आ गए और शहीद हो गए।
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