3000 रुपये की पेंशन के लिए 15 फरवरी से आवेदन शुरू, जानिए नियम और शर्तें

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) मोदी सरकार ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की घोषणा की थी। अब सरकार ने इन योजना की की शर्तें जारी कर दी है। यह योजना 15 फरवरी 2019 से लागू होगी। इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को 60
 

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) मोदी सरकार ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की घोषणा की थी। अब सरकार ने इन योजना की की शर्तें जारी कर दी है। यह योजना 15 फरवरी 2019 से लागू होगी।

इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को 60 साल की उम्र के बाद 3000 रुपये प्रति महीने पेंशन दी जाएगी। सरकार ने इस योजना की अधिसूचना जारी कर दी है।

नीचे जानें जरूरी बातें –

  • इस योजना का लाभ लेने के लिए कामगार की उम्र 18 साल से कम और 40 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। पहले से ही केंद्र सरकार की सहायता वाली किसी अन्य पेंशन स्कीम का सदस्य होने पर वर्कर मानधन योजना के लिए पात्र नहीं होगा।
  • यह योजना रेहड़ी-पटरी लगाने वालों, रिक्‍शा चालक, निर्माण कार्य करने वाले मजदूर, कूड़ा बीनने वाले, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा, कृषि कामगार, मोची, धोबी, चमड़ा कामगार और इसी प्रकार के दूसरे कार्यों में लगे असंगठित क्षेत्र के कामगारों को कवर करेगी।
  • मेगा पेंशन योजना से जुड़ने के लिए असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मी की इनकम 15,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। पात्र व्यक्ति का सेविंग बैंक अकाउंट और आधार नंबर होना चाहिए।
  • योजना के साथ 18 वर्ष की आयु में जुड़ने वाले कामगार को 55 रुपये मासिक राशि जमा करनी होगी। इतनी ही राशि का योगदान सरकार भी करेगी। अधिक उम्र में योजना से जुड़ने वाले व्यक्ति का मासिक अंशदान भी बढ़ता चला जाएगा।
  • योजना से 29 वर्ष की आयु में जुड़ने वाले कामगार को 100 रुपये मासिक अंशदान करना होगा जबकि 40 वर्ष की आयु के व्यक्ति को योजना अपनाने पर 200 रुपये प्रति माह का अंशदान करना होगा। योजना के तहत 60 वर्ष की आयु होने तक अंशदान करना होगा।
  • योजना में यह भी प्रावधान होगा कि यदि कोई कामगार नियमित रूप से अंशदान करता रहा है और किसी वजह से बाद में उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी योजना को आगे बढ़ाने की पात्र होगी। वह आगे नियमित रूप से योजना में अंशदान कर सकती है। लाभार्थी की पत्नी अथवा पति अंशदाता की मृत्यु होने पर योजना से यदि बाहर होना चाहते हैं तो वह किये गये कुल अंशदान पर ब्याज सहित पूरी राशि को प्राप्त कर सकते हैं और योजना से बाहर हो सकते हैं।
  • योजना के लाभार्थी के स्थायी रूप से अपंग होने की स्थिति में भी उसके पति अथवा पत्नी योजना को आगे जारी रख सकते हैं अथवा बाहर हो सकते हैं। अधिसूचना में कहा गया है कि पेंशन शुरू होने के बाद लाभार्थी की मृत्यु होने की स्थिति में उसकी पत्नी अथवा पति पेंशन की हकदार होगी और उसे पेंशन राशि का 50 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा।

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