बड़े भाई ने 550 करोड़ का कर्ज चुका कर छोटे भाई को संकट से उबारा

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) रिलायंस कम्युनिकेशंस के चेयरमैन अनिल अंबानी ने सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन पूरी होने के एक दिन पहले एरिक्सन का बकाया चुका खुद को जेल जाने से बचा लिया। आरकॉम ने सोमवार को टेलीकॉम उपकरण निर्माता स्वीडिश कंपनी एरिक्सन को 458.77 करोड़ रुपये के बकाए का भुगतान कर दिया है। इस राशि
 

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) रिलायंस कम्युनिकेशंस के चेयरमैन अनिल अंबानी ने सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन पूरी होने के एक दिन पहले एरिक्सन का बकाया चुका खुद को जेल जाने से बचा लिया। आरकॉम ने सोमवार को टेलीकॉम उपकरण निर्माता स्वीडिश कंपनी एरिक्सन को 458.77 करोड़ रुपये के बकाए का भुगतान कर दिया है। इस राशि में जुर्माना और ब्याज की रकम भी शामिल है।

आपको बता दें कि शीर्ष अदालत ने 19 फरवरी को अपने आदेश में कहा था कि अनिल अंबानी को चार सप्ताह के भीतर पूरी रकम चुकानी होगी, वरना उन्हें तीन महीने के लिए जेल भेज दिया जाएगा। एरिक्सन के साथ बकाया भुगतान मामले में उन्हें अदालत की अवमानना का भी दोषी पाया गया था।

अनिल अंबानी ने संकट की इस घड़ी में मदद के लिए अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी, भाभी नीता अंबानी को धन्यवाद दिया। अनिल अंबानी ने कहा, ‘संकट की इस घड़ी में मेरे साथ खड़े रहने के लिए मैं अपने बड़े भाई मुकेश और भाभी नीता को धन्यवाद कहता हूं। ऐसे मौके पर मदद करके उन्होंने यह दिखाया कि अपने पारिवारिक मूल्यों के प्रति और अपने पारिवारिक मूल्यों के प्रति सच्चाई के साथ खड़े रहना कितना जरूरी है। मैं और मेरा परिवार खुश हैं कि हम पुरानी बातों से आगे निकल आए हैं और बड़े भाई के इस कदम के आभारी हैं।’

क्या था मामला ? | आरकॉम का टेलीकॉम नेटवर्क संभालने के लिए एरिक्सन ने 2014 में कंपनी के साथ सात साल का करार किया था। बाद में एरिक्सन ने आरोप लगाया कि आरकॉम ने उसके 1,500 करोड़ रुपये नहीं चुकाए हैं। 2018 में दिवालिया प्रक्रिया के तहत एरिक्सन महज 550 करोड़ रुपये में मामले को निपटाने पर राजी हो गया, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिसंबर तक आरकॉम को भुगतान का निर्देश दिया था। 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के अध्यक्ष अनिल अंबानी को जानबूझ कर उसके आदेश का उल्लंघन करने और टेलीकॉम उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिक्सन को 550 करोड़ रुपए बकाए का भुगतान नहीं करने पर अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अंबानी, रिलायंस टेलीकॉम के अध्यक्ष सतीश सेठ और रिलायंस इंफ्राटेल की अध्यक्ष छाया विरानी ने न्यायालय में दिये गये आश्वासनों और इससे जुड़े आदेशों का उल्लंघन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अंबानी और अन्य को अवमानना से बचने के लिए एरिक्सन को चार सप्ताह में 453 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा।

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