#RepublicDay | राजपथ पर दिखी भारत की आन, बान और शान

67वां गणतंत्र दिवस धूमधआम से मनाया गया। इस बार गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद रहे। खास बात यह थी कि पहली बार किसी विदेशी (फ्रांस) सेना की की टुकड़ी ने गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लिया। परेड शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि
 

67वां गणतंत्र दिवस धूमधआम से मनाया गया। इस बार गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि  फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद रहे। खास बात यह थी कि पहली बार किसी विदेशी (फ्रांस) सेना की की टुकड़ी ने गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लिया।

परेड शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित करके शहीदों को श्रद्धांजलि दी।  समारोह की शुरुआत शहीदों के सम्मान से हुई। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को मार गिराने वाले उत्तराखंड के रहने वाले शहीद लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।

राजपथ पर भारत की संस्कृति के रंगों और रक्षा क्षेत्र की ताकत का प्रदर्शन किया गया। परेड में जहां सारी दुनिया में सबसे अधिक विभिन्नता वाले देश भारत को एक सिरे में पिरोने वाली उसकी हर कोने की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाया, वहीं अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, विमानों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने देश के किसी भी चुनौती से निपट सकने की ताकत का अहसास कराया।

परेड में पहली बार 36 खोजी कुत्तों का दस्ता भी निकला। राजपथ पर संस्कृति और देश के उज्ज्वल भविष्य की झलक भी दिखाई गई। गोवा की झांकी में यहां की जागोर जनजाति और गुजरात की झांकी में गौरव की पहचान गीर के जंगल दिखाए गए।

 

 

जम्मू-कश्मीर की झांकी में मेरा गांव मेरा जहां यानी स्वच्छ एवं हरित अभियान का प्रचार किया गया। वहीं उत्तराखंड की झांकी में उत्तराखंड की लोककला ‘रम्माण’ की झलक दिखाई दी। सबसे अंत में रोमांच से भर देने वाले वायु सेना के अत्याधुनिक विमानों को राजपथ के ऊपर से हैरतअंगेज कारनामों के साथ उड़ान भरते देख कर उन विमानों की ताकत के साथ ही वायुसेना के पायलटों का हुनर और जांबाज़ी का अहसास हुआ।

आज ही के दिन 1950 में देश ने मौजूदा संविधान को अपनाया था और तब से लेकर आज तक हम इस दिन को गणतंत्र दिवस के तौर पर मना रहे हैं।