113 रुपये के चक्कर में डॉक्टर के अकाउंट से उड़े 5 लाख, एक गलती भारी पड़ी, आप न दोहराएं

डॉक्टर ने 113 रुपये एक्स्ट्रा चार्ज लेने पर ड्राइवर से पूछा कि ये ज्यादा चार्ज क्यों लिया गया है। इसके बाद कैब ड्राइवर ने डॉक्टर को बताया कि वह चाहें तो कैब सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को कॉल करके रिफंड के लिए कह सकते हैं।

 
 

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) साइबर स्कैम के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं, जिसमें एक गलती से लोगों को लाखों चपत लग रही है। ताजा मामला देश की राजधानी दिल्ली की है, यहां पर एक डॉक्टर को बड़ी ही चालाकी के साथ 5 लाख रुपये का चूना लगाया। हैरानी की बात ये है कि ये ठगी उन्हें 113 रुपये रिफंड के चक्कर में हुई है।

जानकारी के अनुसार ठगी के शिकार डॉक्टर का नाम प्रदीप चौधरी है और वह दिल्ली में रहते हैं। उन्होंने इस डिजिटल फ्रॉड की जानकारी पुलिस को दी है। डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने एक काम के चलते गुरुग्राम के लिए एक कैब बुक की। इस ट्रैवल का चार्ज पहले 205 रुपये नजर आ रहा था, लेकिन सफर खत्म होने के बाद उनसे 318 रुपये का चार्ज वसूला गया।

डॉक्टर ने 113 रुपये एक्स्ट्रा चार्ज लेने पर ड्राइवर से पूछा कि ये ज्यादा चार्ज क्यों लिया गया है। इसके बाद कैब ड्राइवर ने डॉक्टर को बताया कि वह चाहें तो कैब सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को कॉल करके रिफंड के लिए कह सकते हैं।

इंटरनेट पर सर्च किया नंबर

डॉक्टर प्रदीप चौधरी ने इंटरनेट पर तुरंत सर्च करके कैब कंपनी के कस्टमर केयर नंबर को सर्च किया। वहां उन्हें एक नंबर मिला, जिसपर उन्होंने खुद कॉल किया। इसके बाद एक ने कॉल उठाया, उसने खुद को कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बताया।

कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव ने पूछा कि सर मैं आपकी क्या सहायता कर सकता हूं। इसके बाद डॉक्टर ने पूरा वाक्या बताया और कहा कि उन्हें  रिफंड चाहिए, इसके बाद डॉक्टर की कॉल किसी दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर कर दी गई, जिसने खुद को राकेश मिश्रा बताया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुपचाप डॉक्टर के स्मार्टफोन में एक रिमोट सेंससिंग ऐप इंस्टॉल कर दिया। इस दौरान डॉक्टर को अपना वॉलेट ओपेन करने को कहा। इसके बाद रिफंड अमाउंट एंटर करें। स्कैमर्स ने डॉक्टर को अपने फोन नंबर के पहले छह नंबर एंटर करके वॉलेट से ही सेंड करने को कहा। जब डॉक्टर ने इस प्रोसेस के बारे में पूछा तो स्कैमर्स ने उसे वेरिफिकेशन प्रोसेस बताया।

इसके बाद स्कैमर्स ने जैसा कहा डॉक्टर ने वही किया। इतना ही डॉक्टर ने स्कैमर्स को OTP तक शेयर कर दिया। इसके बाद डॉक्टर के बैंक अकाउंट से कुल 4 ट्रांजैक्शन हुईं और  4.9 लाख रुपये अकाउंट से डेबिट हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

न करें ये गलती

आजकल इंटरनेट पर कस्टमर केयर का नंबर सर्च करने के बाद कुछ लोगों स्कैमर्स का नंबर मिलता है। हाल ही के दिनों में इस तरह के कई फ्रॉड के केस सामने आ चुके हैं इसलिए फोन कॉल पर किसी भी व्यक्ति के साथ OTP, बैंक डिटेल्स और UPI ID आदि शेयर ना करें और न ही फोन पर आने वाले किसी अनजान लिंक पर ऑफर या कैशबैक के लालच में क्लिक करें।