शहादत को सलाम | उत्तराखंड के वीर सपूत शहीद कैप्टन दीपक सिंह को नमन

इस मुठभेड़ में सैन्य भूमि उत्तराखंड के वीर सपूत कैप्टन दीपक सिंह शहीद हुए हैं। मूल रुप से दीपक सिंह अल्मोड़ा जिले में रानीखेत के रहने वाले हैं। उनका परिवार अब देहरादून रेसकोर्स में रहता है।

 
 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) जम्मू-कश्मीर के डोडा में बुधवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में आर्मी कैप्टन शहीद हो गए। सेना के मुताबिक, शहीद कैप्टन दीपक सिंह 48 राष्ट्रीय राइफल से हैं। वह डोडा में असार फॉरेस्ट एरिया में चल रहे एनकाउंटर में टीम को लीड कर रहे थे। 16 जुलाई को भी डोडा के डेसा इलाके में मुठभेड़ के दौरान एक कैप्टन समेत 5 जवान शहीद हुए थे।

सेना के मुताबिक, आतंकी जंगल में एक नदी के पास छिपकर लगातार फायरिंग कर रहे हैं। सुबह वे फायरिंग के दौरान पीछे भाग गए थे। जवानों ने उस जगह से अमेरिकी एम-4 राइफल, एक एके-47 और तीन बैग में विस्फोटक बरामद किए।

उत्तराखंड में रहता है दीपक का परिवार

इस मुठभेड़ में सैन्य भूमि उत्तराखंड के वीर सपूत कैप्टन दीपक सिंह शहीद हुए हैं। मूल रुप से दीपक सिंह अल्मोड़ा जिले में रानीखेत के रहने वाले हैं। उनका परिवार अब देहरादून रेसकोर्स में रहता है।

25 वर्षीय दीपक सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को उनके निवास स्थान देहरादून में रेसकोर्स लाया जाएगा।

कैप्टन दीपक 13 जून 2020 को सेना में कमीशन हुए थे। शहीद दीपक काउंटर इंसर्जेंसी 48 राष्ट्रीय राइफल्स में सिग्रनल अधिकारी के पद पर तैनात थे। पूरे उत्तराखंड में उनके शहीद होने की खबर से शोक का माहौल है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया दुख

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख जताते हुए कहा-  डोडा, जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैन्य भूमि उत्तराखण्ड के वीर सपूत कैप्टन दीपक सिंह जी को कोटिशः नमन।

माँ भारती की सेवा में आपका ये बलिदान सदैव युवाओं में राष्ट्रभक्ति का संचार करता रहेगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।