सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होगी एक ही परीक्षा- SC

मेडिकल तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बड़ी खबर है। अब देश भर में मेडिकल की पढ़ाई के लिए सिर्फ एक ही एंट्रेस एग्जाम होगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और केंद्र सरकार की तैयारी के तहत इसी साल से NEET (राष्ट्रीय योग्यता प्रवेश परीक्षा) का आयोजन होगा। केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए गए
 

मेडिकल तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बड़ी खबर है। अब देश भर में मेडिकल की पढ़ाई के लिए सिर्फ एक ही एंट्रेस एग्जाम होगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और केंद्र सरकार की तैयारी के तहत इसी साल से NEET (राष्ट्रीय योग्यता प्रवेश परीक्षा) का आयोजन होगा। केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए गए प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल गई है। इसके तहत 1 मई को प्रस्तावित एआईपीएमटी की मेडिकल परीक्षा ही नीट के पहले फेज की परीक्षा होगी।

केंद्र सरकार ने कोर्ट को ये भी बताया कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और सीबीएसई ही नीट का पूरा आयोजन करेंगे जो अभी तक एआईपीएमटी की परीक्षा आयोजित कराते थे। नीट की परीक्षा दो चरणों में होगी। पहले चरण की परीक्षा एक मई को जबकि दूसरे चरण की परीक्षा 24 जुलाई को कराई जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ये ये फैसला एक गैर सामाजिक संगठन की याचिका पर आया। इसमें संगठन ने दलील दी कि कोर्ट की इजाजत के बावजूद केंद्र सरकार ने इस परीक्षा का आयोजन नहीं कराया और लाखों को छात्रों को मेडिकल की करीब 90 परीक्षाओं में हिस्सा लेना पड़ रहा है।

गौरतलब हो कि 1 मई को सीबीएसई की ओर से होने वाला एआईपीएमटी की मेडिकल परीक्षा है। इसी तरह महाराष्ट्र में सीईटी 5 मई को है। कर्नाटक में मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए परीक्षा 8 मई को है। इसी तरह 5 अलग अलग तरह के मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट अगले महीने होने वाले हैं। इसमें एम्स द्वारा कराए जाने वाले एंट्रेंस टेस्ट भी है।

साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने नीट को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया था। लेकिन 11 अप्रैल को पांच जजों की बेंच ने इस फैसले को पलट दिया। इसके साथ ही केंद्र सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को देशभर में एक मेडिकल परीक्षा कराने की इजाजत दी। हालांकि कोर्ट ने अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं दिया है लेकिन साथ ही परीक्षा कराने की इजाजत भी दे दी थी। लेकिन परीक्षा न करा पाने के बाद संकल्प नाम के गैर सरकारी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में मामला उठाया।