SC/ST एक्‍ट पर दिए फैसले पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम को कथित रूप से कमजोर करने वाले अपने हालिया फैसले पर मंगलवार को रेाक लगाने से इंकार कर दिया। अदालत ने इस मामले में सभी संबंधित पक्षों से 3 दिन में राय मांगी है। इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई
 

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम को कथित रूप से कमजोर करने वाले अपने हालिया फैसले पर मंगलवार को रेाक लगाने से इंकार कर दिया।

अदालत ने इस मामले में सभी संबंधित पक्षों से 3 दिन में राय मांगी है। इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई 10 द‍िन बाद तय की गई है, हालांकि अदालत ने इस केस में केंद्र की याचिका स्‍वीकार कर ली।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट मेें केंद्र सरकार द्वारा दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर मंगलवार दोपहर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की दलीलों को सुनते सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्‍पणी करते हुए कहा कि हम एससी/एसटी एक्‍ट के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन किसी बेकसूर को सजा नहीं मिलनी चाहिए।

इससे पहले सुबह सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दलील देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के चलते एससी/एसटी एक्‍ट पर शीर्ष अदालत के पूर्व के फैसले के चलते जैसे देश में इमरजेंसी जैसे हालात हैं, हजारों लोग सड़क पर हैं। लिहाजा, इस आदेश पर फिलहाल रोक लगाई जाए। अटॉर्नी जनरल की अपील के बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर दोपहर दो बजे खुली अदालत में सुनवाई को तैयार हो गया था।

उल्‍लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को आदेश दिया था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के अंतर्गत आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करना जरूरी नहीं होगा। प्राथमिक जांच और सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बाद ही दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।