सेक्सटॉर्शन करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, ऐसे फंसाते थे जाल में, गलती से भी न करें ये काम
गिरिडीह, झारखंड (उत्तराखंड पोस्ट) साइबर क्राइम से बचने के लिए सबसे पहला मंत्र यही है कि सोशल मीडिया इस्तेमाल करते समय सावधान रहना चाहिए। जहां सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। सोशल मीडिया पर किसी भी अनजान व्यक्ति से दोस्ती करने से बचना चाहिए, खासकर किसी महिला या लड़की से तो बिल्कुल भी नहीं।
बीते कुछ सालों में सेक्सटॉर्शन के मामले तेजी से बढ़ रहें हैं औऱ लोग इसका शिकार भी बन रहे हैं, आपको बताएंगे कि आखिर ये सेक्सटॉर्शन रैकेट कैसे चलता है और आप इससे कैसे बच सकते हैं। पहला आपको बताते हैं कि कैसे पुलिस ने एक ऐसा ही सेक्सटॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है।
दरअसल झारखंड के गिरिडीह में पुलिस ने एक बार फिर से साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने अलग-अलग थाना क्षेत्र में छापेमारी कर छह शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस के जवानों को नदी में भी उतरना पड़ा क्योंकि पुलिस की छापेमारी के दौरान साइबर ठग खुद को गिरफ्तारी से बचाने के लिए नदी में चले गए थे लेकिन पुलिसकर्मियों ने वहां भी उनका पीछा नहीं छोड़ा।
जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए ठगों में बेंगाबाद थाने के साठीबाद का पवन कुमार मंडल, सरिया थाना क्षेत्र के केशवारी का लव कुमार मंडल, डुमरी थाना क्षेत्र के नारंगी का सतीश मंडल, बेंगाबाद थाना क्षेत्र के फुरसोडीह का छोटी कुमार मंडल, डुमरी थाना क्षेत्र के नावाडीह का क्रिश कुमार मंडल और बिरनी थाना क्षेत्र के बराय गांव का रहने वाला सोनू कुमार मंडल शामिल है। इनके पास से 8.30 लाख रुपए, 12 फोन, 18 सिम कार्ड, 21 एटीएम कार्ड, 12 पासबुक, 6 चेकबुक, 4 पैन कार्ड और 2 आधार कार्ड बरामद किया गया है।
गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर अलग-अलग थाना क्षेत्रों में साइबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी के नेतृत्व में छापेमारी कर 6 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी नए-नए तकनीक का इस्तेमाल करके देश के अलग-अलग जगहों में रह रहे लोगों से ठगी कर रहे थे।
ऐसे ठगी करते थे अपराधी
एसपी दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपी साइबर अपराधी ओकलुट लोकांटो और स्कोका ऐप के जरिए लोगों से को न्यूड वीडियो कॉल कर उसका स्क्रीनशॉट लेकर ठगी करने का काम करते थे, इसके अलावे पोषण ट्रैकर के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के मोबाइल पर कॉल कर मातृत्व लाभ राशि दिलाने का झांसा देकर ठगी करते थे।
छापेमारी दल में साइबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी के अलावे प्रशिक्षु डीएसपी कैलाश प्रसाद, प्रशिक्षु डीएसपी नीलम कुजूर, साइबर थाना प्रभारी अजय कुमार, पुलिस निरीक्षक ज्ञान रंजन कुमार, पुअनि गौरव कुमार, सरोज कुमार मंडल, सुबल डे, संजय मुख्यार, आरक्षी सौरभ सुमन, जितेंद्र नाथ महतो आदि शामिल थे।
पुलिस की टीम जब सिविल ड्रेस में डुमरी थाना क्षेत्र के नावाडीह पहुंची तो यहां साइबर अपराधी नदी के किनारे बैठ कर अपराध कर रहे थे, जैसे ही उनकी नजर पुलिस जवानों पर पड़ी वो नदी में कूद कर भागने लगे। इसके बाद पुलिस जवानों ने खदेड़ कर सभी साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया।
क्या है सेक्सटॉर्शन, कैस फंसते हैं लोग ?
सेक्सटॉर्शन रैकेट चलाने वाले गैंग में कई लोग एक साथ मिलकर काम करते हैं, इनमें महिलाएं और लड़कियां भी होती है। ये लोग ज्यादातर सोशल मीडिया के जरिए अपना शिकार खोजते हैं, जो लोग हाईप्रोफाइल दिखते हैं, उनको गैंग की लड़कियां फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती हैं, इसके बाद धीरे-धीरे उनसे संपर्क बढ़ाती है। उसके बाद मोबाइल नंबर लेकर उनसे बातें करने लगती हैं। मौका देखकर व्हाट्सऐप कॉल के जरिए अश्लील बातचीत भी करती हैं। इस तरह सामने वाला उनकी जाल में फंस जाता है। उसका अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया जाने लगता है।
सेक्सटॉर्शन से बचने के लिए क्या करें-
सोशल मीडिया पर किसी भी अनजान व्यक्ति से दोस्ती करने से बचना चाहिए। खासकर किसी महिला या लड़की से तो बिल्कुल भी नहीं। फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से पहले हर प्रोफाइल की ठीक से जांच करनी चाहि। मसलन वो किस तरह की पोस्ट डालता है। कैसी तस्वीरें शेयर करता है, कॉमन फ्रेंड कौन हैं, इसके अलावा व्हाट्सऐप पर किसी भी अनजान नंबर से आ रही वीडियो कॉल को उठाने से बचना चाहिए। यदि किसी वजह से ऐस मामले में फंस गए हैं, तो ब्लैकमेल होने की बजाए सीधे पुलिस के पास जाना चाहिए।