परीक्षा में फेल गए टीचर, सरकार ने नौकरी से निकाला, कुछ का किया डिमोशन

भोपाल (उत्तराखंड पोस्ट) मध्य प्रदेश में सरकार ने पात्रता परीक्षा में फेल होने वाले 16 शिक्षकों को जबरन रिटायरमेंट दे दिया है। इन शिक्षकों को 20:50 फॉर्मूला यानी 20 साल की नौकरी और 50 साल की उम्र फॉर्मूले के तहत हटाया गया है। इस कार्रवाई के पीछे पिछले साल कम रिजल्ट वाले विद्यालयों के अध्यापकों
 

भोपाल (उत्तराखंड पोस्ट) मध्य प्रदेश में सरकार ने पात्रता परीक्षा में फेल होने वाले 16 शिक्षकों को जबरन रिटायरमेंट दे दिया है।

इन शिक्षकों को 20:50 फॉर्मूला यानी 20 साल की नौकरी और 50 साल की उम्र फॉर्मूले के तहत हटाया गया है। इस कार्रवाई के पीछे पिछले साल कम रिजल्ट वाले विद्यालयों के अध्यापकों की पात्रता परीक्षा को आधार बताया जा रहा है।

दरअसल पिछले साल जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम 30 फीसदी रहा था, उनके अध्यापकों की पात्रता परीक्षा इसी साल जून में ली गई थी।

प्रदेश के कुल 5891 अध्यापकों ने परीक्षा दी थी। इनमें से 1351 अध्यापक पात्रता परीक्षा पास नहीं कर सके और फेल हो गए। फेल हुए शिक्षकों को इसके बाद स्कूली शिक्षा विभाग ने ट्रेनिंग दी और 14 अक्टूबर को दोबारा इन शिक्षकों की परीक्षा ली गई।

हैरानी की बात ये है कि ट्रेनिंग के बावजूद दूसरी बार ली गई परीक्षा में भी 84 टीचर ऐसे थे, जिनके अंक 33 फीसदी से कम आये और वो इस परीक्षा में भी फेल हो गए।

दोनों बार परीक्षा में फेल रहे अध्यापकों में से 26 को चेतावनी देते हुए हाई और हायर सेकण्डरी स्कूल से डिमोशन दे दिया गया। इन्हें प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में भेजा जा रहा है। वहीं 20 साल की नौकरी या 50 साल की उम्र फॉर्मूले के तहत आने वाले 18 में से 16 अध्यापकों को जबरन रिटायरमेंट दे दिया गया। दो अध्यापकों के डॉक्यूमेंट की जांच की जा रही है। वहीं 20 अन्य अध्यापकों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो चुकी है।

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