सरकार को सप्लाई होने वाले हजारों रेमडेसिवीर इजेक्शन नहर में बहते मिले, मचा हड़कंप
चंडीगढ़ (उत्तराखंड पोस्ट) देश में कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। हर दिन साढ़े तीन लाख से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में देशभर में कोरोना के 4 लाख 14 हजार 443 नए मामले सामने आए हैं। बीते 24 घंटे में 3,920 लोगों की कोरोना से जान गई है।
कोरोना के खतरे के बीच देश एक ओर जहां रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की किल्लत से जूझ रहा है, वहीं पंजाब के चमकौर साहिब के नजदीक भाखड़ा नहर से सैकड़ों रेमडेसिविर और चेस्ट इंफेक्शन के इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। इनमें सरकार को सप्लाई किए जाने वाले 1456 इंजेक्शन, 621 रेमडेसिवीर इंजेक्शन व 849 बिना लेबल के इंजेक्शन भी शामिल हैं। हालांकि इंजेक्शन के असली या नकली होने की पुष्टि नहीं हो पाई है।
एक दैनिक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक रेमडेसिविर इंजेक्शन पर एमआरपी 5400 रुपए व मैन्युफैक्चरिंग डेट मार्च 2021 और एक्सपायरी डेट नवंबर 2021 लिखी है। सेफोपेराजोन इंजेक्शन पर मैन्युफैक्चरिंग डेट अप्रैल 2021 व एक्सपायरी डेट मार्च 2023 अंकित है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन टीकों पर फॉर गवर्नमेंट सप्लाई नॉट फॉर सेल भी लिखा हुआ है।
कुछ समय पहले पंजाब के CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि राज्य ऑक्सीजन, टैंकरों, वैक्सीन और दवाओं की कमी के अलावा वेंटिलेटर फ्रंट पर भी जूझ रहा है क्योंकि भारत सरकार द्वारा प्राप्त 809 वैंटीलेटरों में से 108 को स्थापित करने के लिए कोई भी बी.ई.एल. इंजीनियर नहीं है। वह बीते माह से कई बार केंद्र को इस बारे में पत्र भी लिख चुके। ऐसे में सरकार को सप्लाई होने वाले इंजेक्शन भाखड़ा नहर में मिलना सरकार की कार्य प्रणाली पर भी सवालिया निशान छोड़ते हैं।