10 दिन पहले ली मंत्री पद की शपथ, जनता ने उपचुनाव में दी बुरी तरह शिकस्त
मंत्री बनने के बाद सुरेंद्र पाल सिंह अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हो गए थे। उन्होंने कहा था कि श्रीकरणपुर के मतदाता बहुत समझदार हैं, वे चुनाव जरूर जीतेंगे। उन्होंने कहा था कि पार्टी ने उनके माध्यम से सिख समाज को सम्मानित किया। बीजेपी सभी 36 कौमों को साथ लेकर चलती है।
श्रीकरणपुर, राजस्थान (उत्तराखंड पोस्ट) राजस्थान में सत्तारुढ़ बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। राजस्थान की श्रीकरणपुर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी की भजनलाल सरकार में मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस के रुपिंदर सिंह कुन्नर ने बीजेपी के सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को शिकस्त दी है।
आपको बता दें कि 10 दिन पहले बीजेपी ने राजस्थान सरकार में सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री बनाया था, तब बीजेपी के इस फैसले ने सभी को इसलिए चौंका दिया था, क्योंकि सुरेंद्र पाल बिना चुनाव लड़े ही मंत्री बन गए थे। हालांकि, उन्हें मंत्रालय आवंटित नहीं किया गया था। बीजेपी ने बाद में सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को श्रीकरणपुर उपचुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया था। पार्टी को लगा था कि मंत्री बनाए जाने के बाद टीटी की जीत की उम्मीद काफी बढ़ जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बीजेपी की रणनीति बुरी तरह से फेल हो गई।
मंत्री बनने के बाद सुरेंद्र पाल सिंह अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हो गए थे। उन्होंने कहा था कि श्रीकरणपुर के मतदाता बहुत समझदार हैं, वे चुनाव जरूर जीतेंगे। उन्होंने कहा था कि पार्टी ने उनके माध्यम से सिख समाज को सम्मानित किया। बीजेपी सभी 36 कौमों को साथ लेकर चलती है।
कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के टलते नहीं हो पाया था चुनाव- बता दें कि पिछले महीने राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रचार के बीच कांग्रेस उम्मीदवार और तत्कालीन विधायक गुरमीत सिंह कूनर के निधन के कारण इस सीट पर मतदान स्थगित कर दिया गया था, उसके बाद उपचुनाव की घोषणा हुई थी। उपचुनाव में कांग्रेस ने कूनर के बेटे रूपिंदर सिंह को इस सीट से मैदान में उतारा था।
'भजन लाल ने 15 दिसंबर को शपथ ली थी'
नियमों के मुताबिक, मंत्री बनने के बाद से सुरेंद्र पाल सिंह के पास विधायक चुने जाने के लिए छह महीने का समय है। 15 दिसंबर को बीजेपी के भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नवनिर्वाचित विधायक दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था।
इससे पहले राज्य में कुल 199 सीटों पर विधानसभा चुनाव हुआ था, जिसमें बीजेपी 115 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने 69 सीटें जीती थीं। बीजेपी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ तो सुरेंद्र पाल सिंह को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। इस पर कांग्रेस ने आपत्ति भी जताई थी। कांग्रेस का कहना था कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है। उम्मीदवार के हार-जीत के नतीजे से पहले ही मंत्री पद की शपथ दिलाना गैर कानूनी है।
उपचुनाव नतीजों पर सचिन पायलट ने कहा- श्रीकरणपुर विधानसभा उपचुनाव में श्री रुपिंदर सिंह कुन्नर जी के विजयी होने पर उन्हें शुभकामनाएं। श्री गुरमीत सिंह कुन्नर जी द्वारा किए गए जनहित, जनकल्याण एवं क्षेत्र के विकास के कार्यों को अपने हृदय में रखकर जनता ने मतदान किया था। मुझे खुशी है कि श्रीकरणपुर की स्वाभिमानी जनता ने कांग्रेस की रीति-नीति और विचारधारा पर विश्वास जता कर प्रगति, खुशहाली और अपने सुरक्षित भविष्य को चुना है। इस जनादेश रूपी आशीर्वाद के लिए श्रीकरणपुर की जनता का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।