टीटी ने लगाया 22,300 रुपये का जुर्माना! फिर यात्री को मिला दोगुना मुआवजा

बुजुर्ग कपल के लिए यह यात्रा दर्दनाक साबित हुई। कपल ने टिकट चेकर को अपने कन्फर्म टिकट दिखाए, लेकिन उसने विश्वास करने से इनकार कर दिया। इसके बजाय उन्हें "बिना टिकट यात्री" के रूप में टैग किया। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने 22,300 रुपये का जुर्माना लगाया।

 
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बेंगलुरु (उत्तराखंड पोस्ट) राजधानी एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे एक बुजुर्ग दंपत्ति से   22,000 रुपये का भारी जुर्माना वसूला गया। दंपत्ति के पास पास कंफर्म एसी फर्स्ट क्लास टिकट होने के बावजूद उन्हें टिकटलेस यात्री कहा गया और जुर्माना वसूला गया।

घटना से दुखी होकर उन्होंने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया और रेलवे अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। आखिर में न्यायालय ने न सिर्फ उनका जुर्माना वापस करवाया बल्कि उन्हें 40,000 रुपये का हर्जाना भी दिलवाया। हालांकि, इसके लिए बेटे को काफी दौड़-भाग करनी पड़ी।

क्या है पूरा मामला ? दरअसल बेंगलुरु के रहने वाले आलोक कुमार ने पिछले साल मार्च में अपने 77 और 71 साल के माता-पिता की यात्रा के लिए आईआरसीटीसी पोर्टल का यूज करके कन्फर्म टिकट बुक किए थे, जिसके लिए उन्होंने 6,995 रुपये का पेमेंट किया था। हालांकि, टीसी द्वारा उनके पीएनआर नंबर की जांच किया गया। उन्होंने दावा किया कि उनके कन्फर्म टिकटों का स्टेटस "नो रूम" दिखलाया गया था।

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बुजुर्ग कपल के लिए यह यात्रा दर्दनाक साबित हुई। कपल ने टिकट चेकर को अपने कन्फर्म टिकट दिखाए, लेकिन उसने विश्वास करने से इनकार कर दिया। इसके बजाय उन्हें "बिना टिकट यात्री" के रूप में टैग किया। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने 22,300 रुपये का जुर्माना लगाया।

जब दंपत्ति के बेटे को इस बात का पता चला तो उन्होंने तुरंत ही ईमेल के ज़रिए IRCTC की हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। बेंगलुरु में IRCTC या SWR के अधिकारियों से कोई जवाब न मिलने के बाद, अप्रैल 2022 में कुमार शांतिनगर में बेंगलुरु शहरी तृतीय अतिरिक्त जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के पास पहुंचे और दक्षिण पश्चिम रेलवे के मुख्य बुकिंग अधिकारी और IRCTC अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

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SWR के अधिकारी कोर्ट में नहीं आए, तो IRCTC के वकील ने कहा कि वो सिर्फ टिकट बुक करवाते हैं, जुर्माना लगाना उनका काम नहीं है, इस वजह से केस खारिज हो गया। फिर कन्ज्यूमर कोर्ट ने आलोक कुमार के माता-पिता को 30,000 रुपये हर्जाना और उनके मुकदमे के खर्च के लिए 10,000 रुपये देने का आदेश दिया।