जम्मू कश्मीर में भेजी गई सुरक्षा बलों की 100 कंपनियां, अलगाववादी नेता यासीन मलिक भी अरेस्ट

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) जम्मू कश्मीर में शुक्रवार देर रात को अलगाववादी नेता यासीन मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। यासीन मलिक जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट का मुखिया है। हालांकि अभी किसी और नेता के हिरासत में लेने या गिरफ्तार करने की खबर नहीं आई है। यासीन मलिक की गिरफ्तारी इसलिए भी अहम है
 

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) जम्मू कश्मीर में शुक्रवार देर रात को अलगाववादी नेता यासीन मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। यासीन मलिक जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट का मुखिया है। हालांकि अभी किसी और नेता के हिरासत में लेने या गिरफ्तार करने की खबर नहीं आई है।

यासीन मलिक की गिरफ्तारी इसलिए भी अहम है क्योंकि मात्र दो दिन बाद ही सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली संविधान की धारा 35-A पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। यासीन मलिक को श्रीनगर के माईसुमा में स्थित घर से सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार किया है। इसके बाद पूछताछ के लिए उसे कोठीबाग पुलिस स्टेशन ले जाया गया है।

माना जा रहा है कि संविधान की धारा 35-A पर सुनवाई से पहले एहतियातन प्रशासन ने यह कदम उठाया है। धारा 35-A प्रावधान जम्मू कश्मीर के बाहर के व्यक्ति को इस राज्य में अचल संपत्ति खरीदने से प्रतिबंधित करते हैं। संविधान की इस धारा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पुलवामा हमले के 8 दिन बाद ये कदम उठाया है। पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए इस कायराना हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

इसके अलावा गृह मंत्रालय ने अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को जम्मू-कश्मीर भेजा है। इसमें सीआरपीएफ की 35, बीएसएफ की 35, एसएसबी की 10 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां शामिल है।

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