ऋषभ ने बताया, क्यों पिता की मौत के बाद भी खेलने की हिम्मत कर पाए ?

आईपीएल के 10वें सीजन में जिस उभरते हुए खिलाड़ी को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, वे दिल्ली डेयरडेविल्स के विकेट कीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत हैं। पिता के निधन के बाद शानदार खेल भावना का परिचय दिया उसके बाद हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है। उनकी खेल भावना और शानदार प्रदर्शन से हर
 

आईपीएल के 10वें सीजन में जिस उभरते हुए खिलाड़ी को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, वे दिल्ली डेयरडेविल्स के विकेट कीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत हैं। पिता के निधन के बाद शानदार खेल भावना का परिचय दिया उसके बाद हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है। उनकी खेल भावना और शानदार प्रदर्शन से हर कोई खुश है। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App – उत्तराखंड पोस्ट

9 साल के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने अपने पिता की मौत के बाद भी मैदान पर उतरकर अपनी टीम दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए परफॉर्म किया. खुद ऋषभ ने अब खुलासा किया है कि अपना फर्ज निभाने की ये प्रेरणा उन्हें अपने दिवंगत पिता से ही मिली।

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में ऋषभ पंत ने कहा, पापा हमेशा चाहते थे कि मैं क्रिकेट खेलूं। वो हमेशा मुझे बढ़ावा देते थे। मैंने उनकी प्रेरणा से ही क्रिकेट खेलना शुरू किया इसीलिए उनके जाने के बाद भी मैं मैदान पर उतरा और अपना फर्ज निभाया।

उनकी बल्लेबाजी देख टीम के बल्लेबाज सैम बिलिंग्स भी हैरान हैं और उन्हें टीम इंडिया के भविष्य के बड़े खिलाड़ी के तौर पर देख रहे हैं। दिल्ली डेयरडेविल्स के सलामी बल्लेबाज और इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाड़ी सैम बिलिंग्स का मानना है कि भारतीय टीम में ऋषभ पंत महेंद्र सिंह धोनी के स्थान की पूर्ति कर सकते हैं।

ऋषभ पंत आईपीएल 2017 में दिल्ली डेयरडेविल्स की ओर से खेल रहे हैं। हाल ही में ऋषभ पंत के पिता का निधन हो गया था। उनके अंतिम संस्कार के बाद 19 वर्षीय युवा खिलाड़ी ने दिल्ली डेयरडेविल्स टीम का रुख किया था। जहां उन्होंने आरसीबी के खिलाफ सलामी बल्लेबाज़ के रूप में पहला मैच खेला था। वहीँ उन्होंने 36 गेंदों में 57 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी।

अपने इस मुश्किल वक्त को याद करते हुए पंत ने कहा, भावनात्मक रूप से ये मेरी जिंदगी की सबसे मुश्किल पारी थी। मैं पूरी तरह टूट चुका था लेकिन पापा चाहते थे कि मैं क्रिकेट खेलूं। वो चाहते थे कि मैं लंबे वक्त तक भारत के लिए खेलूं। उनकी प्रेरणा से ही मैंने मैदान पर उतरने का फैसला किया।

इस हिम्मती कदम के साथ ही पंत सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली सरीखे साहस की श्रेणी में आ गए हैं। ये दोनों खिलाड़ी भी अपने पिता की मौत के बात मैदान पर उतरकर मिसाल पेश कर चुके हैं।