भूस्खलन से खतरे में आया पूरा गांव, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

फाटा (रुद्रप्रयाग) [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] गौरीकुण्ड राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर फाटा के समीप लगातार हो रहा भूस्खलन राजमार्ग के साथ ही ग्राम सभा खाट के लिए मुसीबत बन गया है। राजमार्ग की यह स्थिति जून 2013 में हुई केदारनाथ आपदा के समय से बनी हुई है, विगत चार वर्ष गुजर जाने के उपरांत भी शासन-प्रशासन
 

फाटा (रुद्रप्रयाग) [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] गौरीकुण्ड राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर फाटा के समीप लगातार हो रहा भूस्खलन राजमार्ग के साथ ही ग्राम सभा खाट के लिए मुसीबत बन गया है।

राजमार्ग की यह स्थिति जून 2013 में हुई केदारनाथ आपदा के समय से बनी हुई है, विगत चार वर्ष गुजर जाने के उपरांत भी शासन-प्रशासन इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं कर पाया है।

राजमार्ग पर लगातार हो रहे भूस्खलन से बाबा केदारनाथ की यात्रा तो प्रभात हो ही रही है,साथ ही स्थानीय जनता के लिये भी यह भूस्खलन क्षेत्र मुसीबत बन गया है। इस भूस्खलन क्षेत्र के ठीक ऊपर बसा  गांव खाट तो अपने अस्तित्व बचाने की लड़ाई ही लड़ रहा है, ग्रामीणों द्वारा लंबे समय से इस समस्या के स्थायी समाधान की मांग शासन-प्रशासन से की जा रही हैं।

लेकिन शासन -प्रशासन के नुमाइन्दें ग्रामीणों को मात्र आश्वासन देकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन कर देते है। राजमार्ग के रख रखाव का दाहित्व राष्ट्रीय लोक निर्माण विभाग खण्ड रुद्रप्रयाग के जिम्मे है। विभाग द्वारा मार्ग को आवागमन के लिए तो खोल दिया जाता है किन्तु मार्ग की स्थिति ऐसी बनी हुयी है की इस मार्ग पर यात्रा बाबा केदारनाथ की कृपा से ही पूरी हो सकती है। बड़े वाहनों को मार्ग पार कराना वाहन चालकों के लिए एवरेस्ट चढ़ने जैसा है, यदि समय रहते इस मार्ग पर हो रहे भूस्खलन का स्थायी ट्रीटमेंट नही किया जाता है तो यह क्षेत्र खाट गांव के लिए तो नासूर बनेगा ही,साथ ही यह मार्ग किसी बड़ी दुर्घटना को भी न्यौता दे सकता है। शासन-प्रशासन यदि समय रहते कोई उचित कदम नही उठाता है तो यह समस्या और विकराल रुप ले लेगी।

उत्तराखंड पोस्ट के पाठक बिपिन जमलोकी की रिपोर्ट

(उत्तराखंड पोस्ट के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं, आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते है)