उत्तराखंड | कौन जीतेगा सल्ट विधानसभा उपचुनाव ? कौन होंगे उम्मीदवार ? यहां समझिए गणित

साल 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो 95 हजार 735 में से सिर्फ 44044 मतदाताओं ने ही मतदान किया था।बीजेपी कैंडिडेट सुरेंद्र सिंह जीना को 21 हजार 581 और कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचोली को 18 हजार 677 वोट मिले थे।
 
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड में बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद खाली हुई सल्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान हो चुका है। नामांकन दाखिल करने के लिए 30 मार्च तक का समय दिया गया है जबकि तीन अप्रैल तक नाम वापस लिए जाएंगे। 17 अप्रैल को मतदान होगा और दो मई को मतगणना होगी।

2017 विधानसभा चुनाव के नतीजे

साल 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो 95 हजार 735 में से सिर्फ 44044 मतदाताओं ने ही मतदान किया था।बीजेपी कैंडिडेट सुरेंद्र सिंह जीना को 21 हजार 581 और कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचोली को 18 हजार 677 वोट मिले थे।  इस तरह सुरेंद्र सिंह जीना ने गीता पंचोली को 2904 मतों से हराया था यानी इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर रही थी।

आपको बता दें कि सुरेंद्र सिंह जीना 2007, 2012 और 2017 में लगातार तीन बार सल्ट विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे लेकिन सितंबर 2020 में पत्नी की मौत के सदमे से बुरी तरह टूट चुके सुरेंद्र जीना खुद भी बाद में कोरोना की चपेट में आ गए, जिसके कारण नवंबर 2020 में उनकी मृत्यु हो गई। विधायक जीना की मृत्यु से उनकी ये सीट खाली हुई है।

 

उम्मीदवारों को लेकर मंथन

उपचुनाव के ऐलान के साथ ही बीजेपी में भी प्रत्याशी को लेकर माथापच्ची जारी है। इस दौड़ में स्व. विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के बड़े भाई महेश नेगी का नाम आगे है। साथ ही डॉ. यशपाल रावत का नाम भी चर्चा में है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि विधायक के निधन से उपजी संवेदनाओं को देखते हुए बीजेपी सुरेंद्र जीना के बड़े भाई पर ही दांव खेल सकती है।

वहीं कांग्रेस में टिकट को लेकर काफी माथापच्ची चल रही है। साल 2017 में स्व. सुरेंद्र सिंह जीना के खिलाफ सल्ट से चुनाव लड़ चुकी कांग्रेस नेत्री गंगा पंचोली यहां से टिकट की प्रबल दावेदार हैं जबकि कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रणजीत रावत के बेटे और सल्ट के ब्लॉक प्रमुख विक्रम रावत भी खुद को टिकट का दावेदार बता रहे हैं। साथ ही ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शंबू सिंह भी खुद की दावेदारी जता रहे हैं, देखना ये होगा कि कांग्रेस इनमें से किसी को मैदान में उतारती है या किसी नए चेहरे पर दांव खेलती है।