अग्निवीर नहीं बन सका तो बागेश्वर के कमलेश ने दे दी जान, आखिरी वीडियो देख हर कोई हो गया भावुक 

उत्तराखंड से एक बुरी खबर सामने आ रही है। उत्तराखंड के युवाओं में सेना में भर्ती का जो जुनून होता है वह शायद ही कहीं देखने को मिले। लेकिन सपने अक्सर सच नहीं होते है। देवभूमी के एक युवा ने भी सेना में भर्ती का सपना देखा। सोमवार को जब अग्निवीर का रिजल्ट आया तो उसका यह सपना टूट गया। इस दुख को पहाड़ का युवा 20 वर्षीय कमलेश गोस्वामी सहन नहीं कर पाया और उसने जहर खा लिया और उपचार के दौरान उसकी जिला अस्पताल में मौत गई।
 

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देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट)
उत्तराखंड से एक बुरी खबर सामने आ रही है। उत्तराखंड के युवाओं में सेना में भर्ती का जो जुनून होता है वह शायद ही कहीं देखने को मिले। लेकिन सपने अक्सर सच नहीं होते है। देवभूमी के एक युवा ने भी सेना में भर्ती का सपना देखा। सोमवार को जब अग्निवीर का रिजल्ट आया तो उसका यह सपना टूट गया। इस दुख को पहाड़ का युवा 20 वर्षीय कमलेश गोस्वामी सहन नहीं कर पाया और उसने जहर खा लिया और उपचार के दौरान उसकी जिला अस्पताल में मौत गई।

<a href=https://youtube.com/embed/_7XriUxwvlY?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/_7XriUxwvlY/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

अब सोशल मीडिया पर कमलेश का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को कमलेश ने जान देने से पहले रिकॉर्ड किया था, जिसमें देखा जा सकता है कि वह बुरी तरह से टूट गया है। वीडियो में कमलेश ने रोते-रोते अपने प्राप्तांक व अन्य योग्यता की जानकारी दी। मौते को गले लगाने से पहले पहाड़ के युवा ने व्यवस्था को कोसा, उसे देखकर हर कोई भावुक हो रहा है। वीडियो सामने आने के बाद तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं।

बागेश्वर जिले के कपकोट तहसील के फरसाली गांव निवासी 20 वर्षीय कमलेश गोस्वामी पुत्र हरीश गोस्वामी ने घर में रखा जहरीला पदार्थ गटक लिया। स्वजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए। जहां से डाक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर किया। बीते सोमवार की रात लगभग 11.30 बजे उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने बताया कि वह तीन भाई हैं। जिसमें एक भाई प्राइवेट और एक दुकानदारी करता है। पिता भी दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। वह अपने परिवार का सबसे छोटा था। वह कोरोनाकाल से फौज में जाने की तैयारी कर रहा था। पिछली बार भी असफल रहा। कमलेश इस बार अग्निवीर भर्ती में वह फिजिकल और मेडिकल में फिट था। एनसीसी का सी सार्टीफिकेट भी उसके पास था। बीते सोमवार को भर्ती का परीक्षाफल आया। वह तब ट्रैकर से खेत जोत रहा था। घर आने पर मोबाइल पर रिजल्ट देखा और असफल होने पर जहर गटक लिया। कपकोट के पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने कहा कि मृतक ने सेना के लिए काफी मेहनत की। अगली भर्ती में उसकी उम्र अधिक हो जाती। उन्होंने घटना पर गहरा शोक जताया है। 

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कमलेश के स्वजनों ने बताया कि कमलेश के परिवार की माली हालत सही नहीं है। उसके माता-पिता गांव में ही रहकर मेहनत मजदूरी करते हैं। जबकि बड़े भाई ने तीन दिन पूर्व ही जीविकोपार्जन के लिए दुकान खोली थी। छोटा भाई मुंबई में होटल में मजदूरी करता है। कमलेश को बचपन से ही सेना में जाने की इच्छा थी। इसके लिए वह नियमित रूप से तैयारी करता था। सरकार ने अग्निवीर के पदों पर नियुक्ति निकाली। वह काफी उत्साहित था। उसकी इच्छा थी कि चार वर्ष की सेवा में वह देश सेवा करने के साथ ही परिवार की आर्थिकी भी सही कर लेगा। इसके बाद अपने माता-पिता की सेवा करेगा। नियति को यह मंजूर नहीं हुआ। उसे इस दौर से गुजरना पड़ा कि उसने अपनी जीवन लीला ही समाप्त करने की ठान ली। अपने परिवार समेत संगी साथियों को रोता बिलखता छोड़ गया।