उत्तराखंड विस की कार्यवाही से हटेगा राष्ट्रपति का भाषण !
मई 2015 में उत्तराखंड विधानसभा में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संबोधन को सदन की कार्य सूची से हटाने की मांग को लेकर भाजपा विधायकों ने बजट सत्र के दूसरे दिन सदन में जमकर हंगामा किया। इसको लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस भी हुई। भाजपा का कहना था कि विधानसभा के नियमानुसार केवल सदस्यों के वक्तव्यों या भाषण को ही सदन की कार्य सूची का हिस्सा बनाया जाता है।
गौरतलब है कि 18 मई 2015 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उत्तराखंड विधानभा को संबोधित किया था। इसके लिए बकायदा विशेष सत्र का आयोजन तक किया गया था।
मदन कौशिक ने उठाया मुद्दा
भाजपा विधायक मदन कौशिक ने सदन की कार्यवाही के दौरान इस मुद्दे को उठाया था और 18 मई 2015 को राष्ट्रपति के भाषण को विधानसभा की कर्यवाही का हिस्सा बनाए जाने पर एतराज जताते हुए इसे हटाने की मांग की।