चमोली में बादल फटा, कई वाहन मलबे में दबे, ऊफनाए गधेरे के चलते फंसे छात्र-शिक्षक
चमोली (उत्तराखंड पोस्ट) मौसम विभाग के अलर्ट के बाद पूरे उत्तराखंड में झमाझम बारिश का दौर शुरू हो चुका है। लगातार हो रही बारिश पूरे प्रदेश के लिए मुसीबत बन गयी है। पहाड़ो में आवाजाही रुक गयी है। नदी-नाले ऊफान पर है। इस बीच मंगलवार तड़के चमोली जिले के गैरसैंण में बादल फटा गया। जिससे भारी मात्रा में मलबा नीचे स्थित गांव में आ गया।
बादल फटने से चाड़ गधेरे(बरसाती नाला) ऊफान पर आ गया जिसमें चार गोशाला मलबे में दब गई। स्कूली बच्चों और नौकरीपेशा लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस बीच मूसलाधार बारिश से उफान पर चल रहे गधेरे में 15 छात्र-छात्राएं फंस गए जनहें बाद में बचाया गया। इसके अलावा कई जगह आवासीय भवनों और गोशाला के पुश्ते ध्वस्त हो गए।
जानकारी के मुताबिक सुबह 7 बजे मूसलाधार बारिश के कारण तिलवाड़ा-मयाली-जखोली मोटर मार्ग पर जाखाल गांव के समीप गदेरा अचानक उफान पर आ गया। इस दौरान मयाली और तिलवाड़ा से जीआईसी जौखाल में जा रहे 15 छात्र-छात्राएं और शिक्षक गदेरे के उफान के चलते फंस गए। गनीमत रही कि जहां पर ये सभी खड़े थे, वहां पर गदेरे में बहकर आए मलबे और बोल्डरों से एक टापू सा बन गया, जिससे इन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ। करीब डेढ़ घंटा टापू में खड़े इन स्कूली बच्चों व शिक्षकों को स्थानीय लोगों ने सुरक्षित निकाला।
वहीं ऊखीमठ ब्लॉक के ग्राम पंचायत उषाड़ा में भारी बारिश से विद्यालय भवन खतरे की जद में आ गया है। यहां स्कूल के नीचे भूस्खलन हो रहा है, जिससे भवन कभी भी ढह सकता है। भारी बारिश के कारण सिमली गांव के ऊपर भूस्खलन होने से ग्रामीणों के खेतों में भारी मात्रा में मलबा आ गया, जिससे ग्रामीणों की फसल बर्बाद हो गई है। रात को हुई घटना से ग्रामीण सहम गए और ग्रामीणों ने किसी तरह जान बचाई। ग्रामीणों ने बताया कि सिमली गांव आपदा की दृष्टि से संवेदनशील है। गांव के ऊपरी भाग में पहाड़ी पर रात्रि में तेज गर्जना के साथ उनके खेतों में भारी मात्रा में मलबा आने से उनकी धान एवं दलहन की फसलें बर्बाद हो गई हैं।
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