सरकारी पंचाग में RSS और BJP नेताओं के नाम, कांग्रेस ने सरकार को घेरा

गैरसैंण (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड सरकार के संस्कृति विभाग के पंचांग पर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सरकारी पंचांग में आरएसस और भाजपा के नेताओं को देश की विभूति के रूप में प्रचारित करने का आरोप लगाते हुए गैरसैंण विधानसभा सत्र में कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने इस मुददे
 

गैरसैंण (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड सरकार के संस्कृति विभाग के पंचांग पर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सरकारी पंचांग में आरएसस और भाजपा के नेताओं को देश की विभूति के रूप में प्रचारित करने का आरोप लगाते हुए गैरसैंण विधानसभा सत्र में कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया।

कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने इस मुददे को काम रोको प्रस्ताव के तहत उठाया। उन्होंने संस्कृति विभाग के पंचांग को सदन में लहराते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु, बाबा साहेब भीमराम अंबेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल और सरदार भगत सिंह जैसे महापुरुषों को तो सरकार ने विभूति नहीं माना, लेकिन संघ नेता डॉ केवी हेडगेवार, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, माधव सदाशिव गोलवलकर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, मधुकर दत्तात्रेय, राजेंद्र सिंह रज्जू भइया और कृपाहल्ली सीतारमैया सुदर्शन के नाम सबसे पहले छाप दिए।

उन्होंने कहा कि यदि यह भाजपा का सांगठनिक पंचाग हो तो उसमें कुछ भी छापिए, पर जिस पंचांग को सरकारी विभाग छाप रहा है, उसमें इस प्रकार का रवैया निंदनीय है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश, काजी निजामुददीन, आदेश चौहान आदि ने भी सरकार पर सवाल उठाए और तत्काल पंचांग को संशोधित करने की मांग की।

सरकार की ओर से जवाब देते हुए पंत ने कहा कि बाकी महापुरुषों के नाम भी लिखे गए हैं। इस पर विपक्ष ने कहा कि बाकी के नाम का जिक्र तो व्रत जयंती और उपवास वाली लिस्ट में है, पर संघ नेताओं का कालम तो शुरू में ही छाप दिया गया है। इस पर पंत ने कहा कि जिन नामों पर कांग्रेस आपत्ति कर रही है, उन्होंने देश और समाज के लिए बलिदान किए हैं। पर्यटन मंत्री तो अपने इस पंचांग के लिए बधाई के पात्र हैं। इससे नाराज कांग्रेस विधायकोंने सदन से वॉकआउट कर दिया।

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