गैरसैंण के लिए ऐसा रास्ता बनाया, उससे कोई सरकार पीछे नहीं हट सकती: हरीश रावत

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने खुद मुख्यमंत्री रहते हुए भले ही गैरसैंण को उत्तराखंड की राजधानी न घोषित किया हो लेकिन हरीश रावत को लगता है कि गैरसैंण उन्होंने गैरसैंण की सोच को आगे बढ़ाया है, उससे अब आने वाली सरकारें पीछे नहीं हट सकती। दरअसल हरीश रावत अपनी
 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने खुद मुख्यमंत्री रहते हुए भले ही गैरसैंण को उत्तराखंड की राजधानी न घोषित किया हो लेकिन हरीश रावत को लगता है कि गैरसैंण उन्होंने गैरसैंण की सोच को आगे बढ़ाया है, उससे अब आने वाली सरकारें पीछे नहीं हट सकती।

दरअसल हरीश रावत अपनी ही पार्टी के नेता प्रदीप टम्टा की उस बात का जवाब दे रहे थे, जिसमें टम्टा ने कहा था कि हरीश रावत को मुख्यमंत्री रहते हुए गैरसैंण को उत्तराखंड की राजधानी घोषित कर देना चाहिए था।

हरीश रावत ने इस संबंध में अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि सही निर्णय के लिए आवश्यक है कि आप समय का भी सही चयन करें। प्रदीप टम्टा जी ने एक बहुत ऊंची भावनात्मक बात कही है, जो हजारों उत्तराखंडियों की भी भावना है कि गैरसैंण को मुझे उत्तराखंड की राजधानी घोषित कर देना चाहिए था।

रावत ने आगे कहा कि राजधानी को लेकर एक अफरा-तफरी का वातावरण राज्य के विकास के लिए घातक हो सकता था, इसलिए मैंने एक रास्ता बनाकर, एक रोडमैप बनाकर आगे बढ़ना मुनासिब समझा। विधानसभा भवन से लेकर सचिवालय तक और ऐसे लगभग एक दर्जन निर्णय जो गैरसैंण के पक्ष में लिए गए, एक रास्ता बन गया है।

रावत ने आगे कहा कि अब उत्तराखंड में सरकार किसी की आए, मुख्यमंत्री कोई बने, जो रास्ता मैंने बना दिया है, जो काम वहां पर विधानसभा भवन, सचिवालय आदि बनाने का निर्णय मैंने किया है, अब उससे कोई हट नहीं सकता है और जिस सोच को मैंने आगे बढ़ाया है, वही सोच प्रदीप टम्टा जी जैसे लाखों उत्तराखंडियों की भावना का सम्मान का रास्ता निकालेगी।