नोटबंदी के बाद उत्तराखंड में सहकारी बैंकों में जमा हुए 235 करोड़ !
उत्तराखंड में कोऑपरेटिव बैंकों में नोटबंदी के बाद पहले हफ्ते में 27 बैंक शाखों में पुराने 500 और 1000 के नोट के रूप में 235 करोड़ रु जमा हुए। जिलों की अगर टिहरी जिले में सर्वाधिक 33 करोड़ जमा किए गए, जबकि हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में 28-28 करोड़ तो देहरादून में 25 करोड़ की राशि जमा हुई।
वहीं हल्द्वानी में करीब 21 करोड़ जमा कराए गए। अन्य जिलों में चमोली में 16 करोड़, उत्तरकाशी में 13 करोड़, पिथौरागढ़ में 10.84 करोड़, अल्मोड़ा में 7.26 करोड़ व पौड़ी में सात करोड़ जमा कराए गए। हालांकि, इसमें से 130 करोड़ की धनराशि आठ नवंबर से पहले जमा बताई जा रही है।
पुरानी करेंसी बड़ी संख्या में जमा होने से ये बैंक आरबीआइ की निगरानी की जद में आ चुके हैं। रिजर्व बैंक इन बैंकों में ट्रांजेक्शन बंद कर चुका है। इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है। बैंकों के अधिकतर किसान बताए जा रहे हैं। किसान खाद और बीज खरीद के लिए इन बैंकों से ट्रांजेक्शन नहीं कर सकेंगे।
गौरतलब है कि 247 बैंक शाखाओं में 11 लाख खाताधारकों में अधिकतर किसान और किसानों की सहकारी समितियों के खाते हैं। बैंकों में ट्रांजेक्शन बंद होने किसानों को खाद और बीज की खरीद में पेश आने वाली परेशानी को कांग्रेस मुद्दा बनाने की तैयारी में है।
वहीं डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक देहरादून के उपाध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने कहा कि कोऑपरेटिव बैंक ने आरबीआइ के निर्देशों के मुताबिक ही काम किया है। अब कोऑपरेटिव बैंक की शाखाएं सीबीएस हो चुकी हैं। खातों में अधिक धनराशि जमा होने की जानकारी आयकर विभाग को भी दी जाती है। उन्होंने कहा कि जिला सहकारी बैंकों में कोई गलत कार्य नहीं हुआ है। इसकी जांच कराई जा सकती है।