अवैध खनन पर लगेगा अंकुश लगाने के लिए ई-ऑक्शन कारगर

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) प्रदेश में पहली बार सरकारी कार्यों अथवा पट्टे आदि के आवंटन हेतु ई-ऑक्शन प्रक्रिया का क्रियान्वयन हुआ है। राज्य के विभिन्न जनपदों में चिन्हित उपखनिज लॉटों के आवंटन हेतु सरकार द्वारा ई-निविदा सह ई-नीलामी की प्रक्रिया लागू की है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत प्रथम चरण में ई-निविदा प्रक्रिया संपन्न होनी होती है
 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) प्रदेश में पहली बार सरकारी कार्यों अथवा पट्टे आदि के आवंटन हेतु ई-ऑक्शन प्रक्रिया का क्रियान्वयन हुआ है। राज्य के विभिन्न जनपदों में चिन्हित उपखनिज लॉटों के आवंटन हेतु सरकार द्वारा ई-निविदा सह ई-नीलामी की प्रक्रिया लागू की है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत प्रथम चरण में ई-निविदा प्रक्रिया संपन्न होनी होती है तथा ई-निविदा के सफल घोषित निविदाकारों को ई-ऑक्शन में प्रतिभाग करने की अनुमति प्रदान करते हुए ऑक्शन की प्रक्रिया ऑनलाइन संपन्न की जाने का प्राविधान है।

वस्तुतः राज्य में नदी तलों में अच्छी गुणवत्ता के उपखनिज के अपार भण्डार उपलब्ध हैं, जिसकी राज्य में ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों तथा दिल्ली में भी बेहद मांग है। सरकार द्वारा विगत कई माहों से मंथन किया जा रहा था। उपखनिज के अवैध खनन की शिकायतें भी लगातार बढ़ती जा रही हैं। इसी कारण सरकार द्वारा सभी जनपदों में सम्भावित नदी तल उपखनिज क्षेत्रों के चिन्हिकरण एक अभियान के तौर पर कराया जा रहा है।

यही नहीं सरकार द्वारा निगमों को पूर्व में आवंटित लॉटों की भी सूक्ष्म समीक्षा की गयी तो यह तथ्य प्रकाश में आया कि निगमों को वर्ष 2012-13 में आवंटित लॉटों में आज तक खनन कार्य ही शुरू नहीं हो पाया है। रिक्त तथा अचिन्हित खनन लॉट ही अवैध खनन के लिये सुगम स्थल होते हैं। अब सरकार द्वारा निगमों से ऐसे सभी लॉट वापिस प्राप्त कर ई-नीलामी प्रक्रिया के द्वारा आवंटन किये जाने का निर्णय लिया गया है। सरकार की मंशा सभी ऐसे सम्भावित खनन क्षेत्रों को चिन्हित कर पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए ई-निविदा सह ई-नीलामी के माध्यम से आवंटित कर अवैध खनन पर अंकुश लगाने की है।

राज्य के लगभग 140 उपखनिज लॉटों के आवंटन की प्रक्रिया वर्तमान में गतिमान है। निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने बताया कि पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष एवं पारदशीपूर्ण हो साथ ही सभी प्रतिभागियों को ऑनलाइन प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी हो, इन बिन्दुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सभी प्रतिभागियों के लिये ऑनलाइन बिडिंग में प्रतिभाग करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम भी योजित किये जा रहे हैं तथा ऑनलाइन प्रक्रिया की जानकारी की पीडीएफ कॉपी भी उपलब्ध करायी जा रही है। विभागीय वेबसाइट पर ई-निविदा सह ई-नीलामी से संबंधित सभी जानकारियां ससमय उपलब्ध करायी जा रही हैं। विभागीय अधिकारियों एवं विभागीय हेल्पलाइन द्वारा ई-मेल एवं दूरभाष द्वारा भी सभी प्रतिभागियों से संपर्क कर सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं।

आज हरिद्वार जनपद के भगवानपुर तहसील के दो खनन लॉटों की ई-ऑक्शन प्रक्रिया संपन्न हुई है। संपूर्ण प्रक्रिया निर्बाध रूप से संपन्न हुई है। खनन क्षेत्र बंजारावाला 13.1610 हेक्टेयर हेतु कुल अधिकतम उपखनिज की मात्रा 2,89,542 टन की वार्षिक निकासी हेतु आधार मूल्य रू. 2,02,67,940 निर्धारित की गयी। उक्त खनन लॉट हेतु पूर्व में योजित ई-निविदा (प्रथम चरण) में तीन विनविदाकार ही द्वितीय चरण अर्थात् ई-नीलामी की प्रक्रिया में प्रतिभाग करने हेतु सफल घोषित किया गया। तीनों प्रतिभागियों के मध्य निरन्तर बोलियां दर्ज करायी जाती रही हैं। उक्त ई-नीलामी  के लिए निर्धारित समय प्रातः 10.00 बजे से अपराह्न 01.00 बजे तक निर्धारित था तथा 01.00 बजे से 05.00 मिनट पूर्व में यदि कोई बोली प्राप्त होने पर समय अन्य बोलीदाताओं हेतु 5 मिनट स्वतः अग्रेनीत हो जाने का प्राविधान रखा गया है। बोलीदाताओं द्वारा 01.00 बजे के बाद भी लगातार बोलियां दर्ज करायी जाती रही तथा लगभग 02.30 बजे तक बोली बढ़ती चली गई। अंततः ई-नीलामी में अधिकतम बोली रू 7,55,99034 प्राप्त हुई है जो निर्धारित आधार मूल्य के लगभग 4 गुना है।

दूसरे खनन क्षेत्र बंजारावाला ग्राण्ट 8.6673 हेक्टेयर क्षेत्रफल हेतु कुल अधिकतम उपखनिज की मात्रा 190681 टन की वार्षिक निकासी हेतु आधार मूल्य रू. 1,33,47,670 मात्र निर्धारित की गयी तथा चार बोलीदाताओं ने प्रतिभाग किया। ई-नीलामी में बोली समाचार लिखे जाने तक 4,91,85,976-00 रूपये प्राप्त हुई है, जो लगातार वृद्धि की ओर चलती जा रही है। तकनीकी के उपयोग से संपन्न की जा रही रियल टाइम ऑनलाइन प्रक्रिया का राज्य में पहला एवं सफल प्रयोग रहा है। निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म द्वारा अवगत कराया गया है कि प्रतिभागियों के मध्य जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है तथा सरकार को अधिकाधिक राजस्व प्राप्ति के साथ-साथ अवैध खनन पर नियंत्रण हो जाने की पूर्ण संभावना है।

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