शांत हुई जंगलों की आग लेकिन तबाह हुआ 3948 हैक्टेयर वन क्षेत्र

उत्तराखंड में इंद्रदेव की मेहरबानी के बाद धधक रहे जंगल भी शांत हो गए हैं। अपर मुख्य सचिव, वन, एस रामास्वामी ने वनाग्नि के प्रकरणों की समीक्षा करते हुए बताया कि गुरूवार को जंगल में आग का कोई भी घटना नहीं हुई है। राहत की बात ये है कि जंगलों में एक्टिव फायर भी नहीं
 

उत्तराखंड में इंद्रदेव की मेहरबानी के बाद धधक रहे जंगल भी शांत हो गए हैं। अपर मुख्य सचिव, वन, एस रामास्वामी ने वनाग्नि के प्रकरणों की समीक्षा करते हुए बताया कि गुरूवार को जंगल में आग का कोई भी घटना नहीं हुई है। राहत की बात ये है कि जंगलों में एक्टिव फायर भी नहीं है। हालांकि शासन-प्रशासन पूरी तरह से सजग है। साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं के घटित न होने की निगरानी भी रखी जा रही है।

जंगल की आग पर भले ही काबू पा लिया गया हो लेकिन इस दरौरान जंगल की 1798 घटनाओं में जंगल की आग शांत होने से पहले उत्तराखंड के 3948.15 हेक्टेयर क्षेत्र को लील चुकी है।

रामास्वामी ने बताया कि राज्य में वनाग्नि के प्रकरणों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कुल 11773 कर्मचारी और फायर वॉचर, पीआरडी, होम गार्ड, पुलिस, ईको-टास्क फोर्स, लोक निर्माण विभाग गैंग आदि क्षेत्रों में तैनात है। इसके साथ ही तीन हैलिकॉप्टर, 368 वाहन एवं 19 अग्निशमन वाटर टैंकर भी उपयोग किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वनों में रहने वाले गुर्जर पूरी तरह सुरक्षित है। उनके आवासीय क्षेत्रों में किसी प्रकार की चिंतनीय स्थिति नहीं है।