उत्तराखंड के गांवों का होगा उत्थान, पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा

उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों के लोगों को पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उत्तराखंड सरकार ने ग्रामीण पर्यटन उत्थान योजना की शुरुआत की है। सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना से फिलहाल प्रदेश के 38 गांव जुड़े हुए हैं और सरकार का दावा है कि बहुत जल्द 71 और
 

उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों के लोगों को पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उत्तराखंड सरकार ने ग्रामीण पर्यटन उत्थान योजना की शुरुआत की है।

सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना से फिलहाल प्रदेश के 38 गांव जुड़े हुए हैं और सरकार का दावा है कि बहुत जल्द 71 और गांव इस योजना का हिस्सा बन जाएंगे। इस योजना का एक उद्देश्य शहरों की भागदौड़ में से दूर देशी-विदेशी पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश से परिचित कराना भी है।

पर्यटन सुविधाओं का विकास |  प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर उत्तराखंड के गांवों में सुविधाओं के आभाव के चलते देशी विदेशी पर्यटक आसानी से पहुंच नहीं पाते हैं। ऐसे में पर्यटन विभाग की ग्रामीण पर्यटन उत्थान योजना के तहत ऐसे गांवों में पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।

पहले चरण में 38 गांवों को इसके लिए चुना गया है और उसके बाद बहुत जल्द 71 और गांव इस योजना से जुड़ जाएंगे।

 ग्रामीण पर्यटन उत्थान योजना में शामिल गांव

  • अल्मोड़ा | पर्यटन विभाग की इस मुहिम के तहत अल्मोड़ा जनपद के जागेश्वर, मावड़ा, आरतोला, मनबजुना, द्वारस्यूं नैनीसार, मंजखोली, कटारमल, गरूदा बंज गांव इसमें शामिल हैं।
  • देहरादून | वहीं देहरादून जनपद के नागथात, कथियान, भराट, लाखामंडल, गाराम मोहना, हनोल, चटरा, स्वारा गांव इस योजना में शामिल हैं।
  • उत्तरकाशी | उत्तरकाशी जनपद के मुखवा, हर्षिल, धराली, बगोरी, सूखी, रैथल,
  • चंपावत | चंपावत जिले के पंचेश्वर, देबीधुरा, ढुंगरी, फोर्ति, रीठा साहिब गांवों का चयन इस योजना के लिए किया गया है।
  • चमोली | चमोली जिले के नीति, लाता, उर्गम, देवग्राम, देवाली बगड़, ग्वालदम, पोगथा गांव इस योजना में शामिल हैं।
  • रुद्रप्रयाग | रूद्रप्रयाग जिले के सारी, तुंगनाथ, कविल्ठा, दुर्गाधर, फलासी गांवों को इस योजना में शामिल किया गया है।
  • उधमसिंहनगर | ऊधम सिंह नगर जिले के नानकमत्ता, हरिपुरा, गुलारभोज गांवों को इसके लिए चुना गया है।
  • नैनीताल | नैनीताल  जिले के हेड़ाखाल, पंकोट, कैंची, चानवटी, सिलौती, नउल, रानीकोट गांव इसमें शामिल हैं।
  • टिहरी | टिहरी जिले के बंगलों की कांडी, सौड़, मुखेम, चोपति, आराकोट, चौकोल, गजना, टिपरी, उथाड़ गांवो को इस योजना में शामिल किया गया है।
  • हरिद्वार | हरिद्वार जिले के वीरसनपुर कुंडी, कुंजा बहादुरपुर गांवों को ग्रामीण पर्यटन उत्थान योजना से जोड़ा गया है।
  • पौड़ी | पौड़ी-गढ़वाल जिले के कोठार, खिर्सू, उफल्डा, कण्वाश्रम, मवाकोट, कलालघाटी, जयहरीखाल, सेंधी गांवों को इस योजना का हिस्सा बनाया गया है।
  • बागेश्वर | बागेश्वर जिले के सूपी, सामा, रतीरकोटी, किमू, लीति, बडीपन्यालॉ गांवों को इस योजना में शामिल किया गया है।
  • पिथौरागढ़ | पिथौरागढ़ जिले की अगर बात करें तो जिले के विर्थी, नामिक, फुटशील, मदकोट, मोस्टमानू, चंडाक, नेकिना, धारीगांव इस योजना का हिस्सा बने हैं।