स्मार्ट सिटी की रेस से क्यों हुआ देहरादून का पत्ता साफ, साजिश या कोई दूसरी वजह ?

देहरादून : मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने स्मार्ट सिटी की केन्द्र सरकार की सूची में देहरादून को शामिल नहीं किए जाने पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि देहरादून में स्मार्ट सिटी बबने की सभी योग्यताएं हैं और दून ने स्मार्ट सिटी बनने की तमाम औपचारिकताएं व मानक पूरे किए हैं। बवजूद इससे
 

देहरादून : मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने स्मार्ट सिटी की केन्द्र सरकार की सूची में देहरादून को शामिल नहीं किए जाने पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि देहरादून में स्मार्ट सिटी बबने की सभी योग्यताएं हैं और दून ने स्मार्ट सिटी बनने की तमाम औपचारिकताएं व मानक पूरे किए हैं। बवजूद इससे देहरादून को स्मार्ट सिटी की पहली लिस्ट से बाहर रखा गया जोकि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व राजनैतिक आधार पर लिया गया दुर्भावनापूर्ण फैसला है। उन्होने कहा कि भाजपा के जो नेता स्मार्ट सिटी की देहरादून को सम्मिलित करने की घोषण पर मोदी जी का आभार प्रकट कर रहे थे, उन्हे देहरादून की जनता से क्षमा मांगनी चाहिए। देहरादून का प्रस्तुतीकरण भी सबसे बेहतर था, परन्तु भाजपा नेता मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट की पैरवी नहीं कर पाए अथवा राजनैतिक दुर्भावना के तहत जनता को इससे वंचित किया गया है। श्री कुमार ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केन्द्र की भाजपानीत मोदी सरकार ने उत्तराखण्ड के साथ एक बार फिर उपेक्षापूर्ण व्यवहार किया है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए आज जारी हुई सूची में उत्तराखण्ड के किसी भी शहर का नाम शामिल नहीं किया गया है। उन्होने कहा कि फिर भी राज्य सरकार अपने विभिन्न नगरों को आधुनिक व बेहतर नागरिक सुविधाओं के अपने एजेण्डे पर आगे भी काम करती रहेगी। हमें आगे देखना है कि बेशक मोदी जी ने अभी हमें निराश किया हो, लेकिन हम अपने प्रयास इस दिशा में जारी रखेंगे और हमें आशा है कि मोदी जी टीम इण्डिया के अपने एक सहयोगी राज्य को समय की आवश्यकता अनुसार देश की मुख्य धारा के साथ जोड़ने में सहयोग प्रदान करेंगे। शकुमार ने कहा कि भाजपा के नेताओं ने स्मार्ट सिटी को लेकर देहरादून शहर में होर्डिग्स लगाकर झूठी वाहवाही लूटी। प्रदेश की जनता को भ्रमित कर झूठा प्रचार करने वाले भाजपा नेताओं को अब जनता से माफी मांगनी चाहिए। भाजपा के पांचों सांसदो को भी प्रदेशवासियों से माफी मांगनी चाहिए, जो प्रदेश का पक्ष रखने में असफल रहे है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार स्मार्ट सिटी को लेकर केवल झूठा प्रचार कर रही है। स्मार्ट सिटी की सूची से भी उत्तराखण्ड को गायब कर दिया गया है। इससे पहले केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में किसी भी भाजपा सांसद को मंत्री न बनाकर उत्तराखण्ड की जनता का घोर अपमान किया गया था। वहीं उन्होने कहा कि भाजपा नेताओं को अब मुखर होकर अपनी पैरवी राज्यहित में करनी चाहिए। कुमार ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए राज्य सरकार ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली थी, जिसके बाद हम सभी को उम्मीद थी कि देहरादून का नाम स्मार्ट सिटी के लिए अवश्य सूची में शामिल किया जाएगा लेकिन केन्द्र की भाजपानीत सरकार ने एक बार फिर उत्तराखण्ड की जनता को निराश किया है।