हमारे यहां शिक्षा को व्यवसाय नहीं माना जाता, शिक्षक और बच्चों के बीच में पारिवारिक रिश्ता होता है: धामी

धामी ने कहा- सबसे पहले शिक्षा देने का काम यदि कोई करता है तो वह माता-पिता है जबकि शिक्षकों द्वारा दूसरे नंबर पर शिक्षा देते हैं। हमारी संस्कृति में शिक्षा ग्रहण करने का अर्थ सिर्फ किताबी ज्ञान हासिल करना नहीं है। एक काल खंड में पूरी दुनिया को ज्ञान औेर शिक्षा देने का काम भारत भूमि द्वारा किया जाता था। हमारे यहां शिक्षा को व्यवसाय नहीं माना जाता। हमारे यहां शिक्षक और बच्चों के बीच में पारिवारिक रिश्ता होता है, जो संपूर्ण जीवन साथ चलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा- मैं प्यारे छात्रों से कहना चाहता हूं कि हमें अच्छे भविष्य के लिए हमारे आज पर काम करना होगा। जिस तरह के क्रियाकलाप, आचरण और संस्कार हमारे अंदर आज आएंगे, वही हमारे कल का निर्माण करेंगे। आज माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक भारत-श्रेष्ठ भारत का निर्माण हो रहा है। नई शिक्षा नीति लाने का काम भी यशस्वी प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हुआ है।