उत्तराखंड के दो सपूतों ने फतह की एवरेस्ट की चोटी

उत्तराखंड के दो और सपूतों ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की है। सेना की पांच गढ़वाल रायफल के लांस नायक प्रताप सिंह 20 मई को एवरेस्ट पर पहुंचे। वह देहरादून के नाथुवाला स्थित कृष्ण विहार के रहने वाले हैं। वहीं रुड़की के विनीत नगर निवासी और आर्मी आर्डिनेंस
 

उत्तराखंड के दो और सपूतों ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की है। सेना की पांच गढ़वाल रायफल के लांस नायक प्रताप सिंह 20 मई को एवरेस्ट पर पहुंचे। वह देहरादून के नाथुवाला स्थित कृष्ण विहार के रहने वाले हैं। वहीं रुड़की के विनीत नगर निवासी और आर्मी आर्डिनेंस कोर में नायक के पद पर तैनात अंकुर रावत ने 19 मई को एवरेस्ट की चोटी फतह की।

 

ये जवान सेना के उस 14 सदस्यीय दल का हिस्सा हैं, जो एवरेस्ट अभियान पर निकला था। इस दल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल रणवीर जामवाल कर रहे थे। यह दल 30 मार्च को दिल्ली से अपने अभियान पर निकला था।

19 और 20 मई को फतह की चोटी | लेफ्टिनेंट कर्नल रणवीर जामवाल की अगुवाई में पहली छह सदस्यीय टीम ने 19 मई  को और फिर मेजर मिर्जा जाहिद बेग की अगुवाई में दूसरी सात सदस्यीय टीम ने 20 मई को माउंट एवरेस्ट को फतह किया। पूरी टीम को दो भागों में इसलिए बांटा जाता है कि अगर मौसम या फिर किसी कारणवश एक टीम अपने मिशन को पूरा न कर पाए तो दूसरी टीम उस अधूरे मिशन को पूरा करे।

सेना प्रमुख ने दी बधाई | 8,848 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एवरेस्ट पर सेना का दो साल बाद यह पहला अभियान था क्योंकि नेपाल में आए भूकंप के बाद एवरेस्ट अभियान को बंद कर दिया गया था। सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने इस उपलब्धि पर टीम को बधाई दी। सेना प्रमुख ने रोमांच के जज्बे, मानसिक और शारीरिक मजबूती व सभी पर्वतारोहियों के कौशल के स्तर को भी सराहा।