लोकसभा चुनाव | उत्तराखंड में क्यों पिछड़ रही कांग्रेस? इस वजह से फंस गया दो सीटों पर पेंच!
बीजेपी ने टिहरी से माला राज्य लक्ष्मी शाह, पौड़ी से अनिल बलूनी, हरिद्वार से त्रिवेंद्र सिंह रावत, अल्मोड़ा से अजय टम्टा औऱ नैनीताल-ऊधम सिंह नगर से अजय भट्ट को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने अल्मोड़ा से प्रदीप टम्टा, टिहरी से जोत सिंह तो पौड़ी- गढ़वाल लोकसभा सीट से गणेश गोदियाल को मैदान में उतारा है जबकि हरिद्वार और नैनीताल लोकसभा सीट में कांग्रेस में पेंच फंसा हुआ है।
नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) लोकसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। बीजेपी उत्तराखंड की पांचों सीटों पर अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर चुकी है लेकिन कांग्रेस में अभी तक दो सीटों पर कैंडिडेट फाइनल नहीं हो पाया है।
बीजेपी ने टिहरी से माला राज्य लक्ष्मी शाह, पौड़ी से अनिल बलूनी, हरिद्वार से त्रिवेंद्र सिंह रावत, अल्मोड़ा से अजय टम्टा औऱ नैनीताल-ऊधम सिंह नगर से अजय भट्ट को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने अल्मोड़ा से प्रदीप टम्टा, टिहरी से जोत सिंह तो पौड़ी- गढ़वाल लोकसभा सीट से गणेश गोदियाल को मैदान में उतारा है जबकि हरिद्वार और नैनीताल लोकसभा सीट में कांग्रेस में पेंच फंसा हुआ है।
कांग्रेस में कहां और क्यों फंसा है पेंच?
नई दिल्ली में कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश प्रभारी शैलजा कुमारी ने प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं हरीश रावत, करन माहरा, यशपाल आर्य व प्रीतम सिंह के साथ उम्मीदवारों को लेकर बैठक की।
आपको बता दें कि कांग्रेस में हरिद्वार और नैनीताल सीट पर प्रत्याशियों के नामों को लेकर सहमति नहीं बन रही है। आपसी खींचतान के कारण केंद्रीय चुनाव समिति ने दोनों सीटों पर टिकट प्रतीक्षा में रख दिया है।
हरिद्वार सीट से पूर्व सीएम हरीश रावत अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए टिकट मांग रहे हैं, जबकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा इस बात पर अड़े हैं कि यहां से हरीश रावत खुद चुनाव लड़े या फिर उन्हें मौका दिया जाए।
वहीं नैनीताल सीट पर कई दावेदार होने से आपसी खींचतान चल रही है। यहां से यशपाल आर्य, भुवन कापड़ी, महेंद्र पाल, रणजीत रावत, प्रकाश जोशी के नामों की चर्चा है। इन नामों में यशपाल आर्य के नाम पर तकरीबन सहमति है, पर आर्य चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं बताए जा रहे हैं।
बीजेपी पांचों सीटों पर उम्मीदवारों के नाम के ऐलान के साथ अपना धुंआधार चुनाव प्रचार शुरु कर चुकी है, ऐसे में कांग्रेस कहीं न कहीं प्रचार में बीजेपी से पिछड़ रही है। देखना ये होगा कि आखिर कब कांग्रेस में सीटों पर सस्पेंस खत्म होगा।